तालिबान ने बताई अपनी सरकार की नीति- शरिया कानून से चलेगा देश, अब कोई बाहर ना जाए
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तालिबान ने अपनी नई नीति का ऐलान करते हुए कहा है कि किसी को भी भविष्य की चिंता नहीं करनी चाहिए, हमारी पहली कोशिश है कि देश की दिक्कतों को कानूनी तरीके से सुलझाया जाए. तालिबान ने कहा है कि बीते दो दशक से जो हमने संघर्ष किया है, उसके दो ही मकसद थे.
तालिबान ने मंगलवार रात को अपनी अंतरिम सरकार का ऐलान कर दिया है. मुल्ला मोहम्मद हसन अखुंद अफगानिस्तान के नए प्रधानमंत्री बनने जा रहे हैं. नई कैबिनेट में कई ऐसे चेहरे भी हैं, जिन्हें अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं ने ग्लोबल आतंकी घोषित किया है. कैबिनेट के ऐलान के साथ तालिबान ने अपनी नई नीति का भी ऐलान किया है और कहा है कि अफगानिस्तान में अब शरिया कानून के तहत शासन चलाया जाएगा. तालिबान ने अपनी नई नीति का ऐलान करते हुए कहा है कि किसी को भी भविष्य की चिंता नहीं करनी चाहिए, हमारी पहली कोशिश है कि देश की दिक्कतों को कानूनी तरीके से सुलझाया जाए. तालिबान ने कहा है कि बीते दो दशक से जो हमने संघर्ष किया है, उसके दो ही मकसद थे. तालिबान के मुताबिक, सबसे पहले विदेशी ताकतों को देश से बाहर निकालना और फिर अपना एक इस्लामिक सिस्टम लागू करना. इसी के तहत भविष्य में अफगानिस्तान में सरकार और आम लोगों की ज़िंदगी को शरिया कानून के तहत चलाया जाएगा. तालिबान ने कहा है कि नई सरकार की कोशिश अफगानिस्तान में शांति स्थापित करना है, आगे माहौल ठीक होता जाएगा. ऐसे में लोगों से अपील है कि वह अफगानिस्तान ना छोड़ें. इस्लामिक देश को किसी से दिक्कत नहीं है, बाहरी देशों को भी अफगानिस्तान में अपने दूतावासों को फिर से शुरू करना चाहिए. तालिबान ने भरोसा दिलाया है कि देश के जितने भी स्कॉलर्स, प्रोफेसर, डॉक्टर और अन्य प्रोफेशनल लोग हैं, उन सभी का ध्यान रखा जाएगा. हर किसी से राय ली जाएगी और उनके काम को बढ़ावा दिया जाएगा. गौरतलब है कि 15 अगस्त को अफगानिस्तान पर कब्जा जमाने के बाद तालिबान ने अब जाकर अपनी सरकार का ऐलान किया है. अफगानिस्तान की नई सरकार में मुल्ला मुहम्मद हसन अखुंद नए प्रधानमंत्री हैं, जबकि मुल्ला अब्दुल गनी, मौलवी अब्दुल सलाम हनफी उप-प्रधानमंत्री बने हैं.महाराष्ट्र के ठाणे में एक बच्ची का शव मिलने के बाद लोग आक्रोशित हो गए. दरअसल उल्हासनगर इलाके में तीन दिनों पहले एक बच्ची लापता हो गई थी जिसके बाद परिजनों ने थाने में गायब होने की रिपोर्ट भी दर्ज कराई थी. इसी के बाद गुरुवार को उसका शव हिल लाइन पुलिस स्टेशन से कुछ दूरी पर मिला जिसे देखकर स्थानीय लोग भड़क गए.
गौतम अडानी पर आरोप है कि उन्होंने अमेरिका के निवेशकों के पैसे से भारत में सरकारी अधिकारियों को रिश्वत दी और ये रिश्वत भी उन प्रोजेक्ट्स के लिए दी गई, जिससे 20 वर्षों में अडानी ग्रुप की एक कम्पनी को 2 बिलियन अमेरिकी डॉलर्स यानी भारतीय रुपयों में लगभग 16 हज़ार 881 करोड़ रुपये का मुनाफा होने का अनुमान है. आरोप है कि इस मुनाफे के लिए साल 2021 से 2022 के बीच आंध्र प्रदेश, ओडिशा, जम्मू-कश्मीर, तमिलनाडु और छत्तीसगढ़ की सरकारों को लगभग 2200 करोड़ रुपये की रिश्वत दी गई.
गौतम अडानी एक बार फिर चर्चा में हैं क्योंकि उन पर सोलर एनर्जी प्रोजेक्ट्स के ठेके पाने के लिए भारतीय अधिकारियों को करोड़ों रुपये की रिश्वत देने का आरोप है. इस मामले पर NSUI ने भी प्रदर्शन किया है. इस मुद्दे ने राजनीतिक और व्यावसायिक जगत में खलबली मचा दी है, जिसमें भ्रष्टाचार और व्यापारिक नैतिकता के सवाल शामिल हैं.