तालिबान कैबिनेट के विवादित चेहरे... कोई तस्करी के लिए बैन, किसी पर 73 करोड़ का इनाम
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तालिबान की इस पूरी कैबिनेट में कई ऐसे चेहरे शामिल हैं, जो संयुक्त राष्ट्र द्वारा ग्लोबल आतंकी घोषित हैं या किसी पर अमेरिका ने इनाम घोषित किया हुआ है. यूं तो अफगानिस्तान की नई तालिबान सरकार का हर चेहरा कोई विवादित बैकग्राउंड रखता है, लेकिन जिनपर सबसे ज्यादा नज़र है और विवाद है. उनपर एक नज़र डाल लीजिए...
अफगानिस्तान में तालिबान ने अपनी नई सरकार का ऐलान कर दिया है. मुल्ला मुहम्मद हसन अखुंद को अफगानिस्तान का प्रधानमंत्री बनाया गया है. इसके अलावा पूरी कैबिनेट का ऐलान कर दिया गया है. तालिबान की इस पूरी कैबिनेट में कई ऐसे चेहरे शामिल हैं, जो संयुक्त राष्ट्र द्वारा ग्लोबल आतंकी घोषित हैं या किसी पर अमेरिका ने ईनाम घोषित किया हुआ है. ऐसे में अब ये सभी चिन्हित आतंकी एक देश की सरकार को चलाएंगे और पूरे अफगानिस्तान की किस्मत इन सभी के हाथों में टिकी है. यूं तो अफगानिस्तान की नई तालिबान सरकार का हर चेहरा कोई विवादित बैकग्राउंड रखता है, लेकिन जिनपर सबसे ज्यादा नज़र है और विवाद है. उनपर एक नज़र डाल लीजिए...1. प्रधानमंत्री मुल्ला मुहम्मद हसन अखुंद 1990 के दशक से ही अफगानिस्तान में बड़ी पहचान रखने वाला मुहम्मद हसन अखुंद तालिबान के शीर्ष नेताओं में एक है और अब नया प्रधानमंत्री भी है. बामियान में भगवान बुद्ध से जुड़ी यादों को तबाह करने वाला मुल्ला मुहम्मद हसन संयुक्त राष्ट्र के ग्लोबल आतंकियों में शामिल है.2. उप-प्रधानमंत्री मुल्ला अब्दुल गनी उर्फ मुल्ला बरादर तालिबान की शुरुआत करने वाले मुल्ला उमर का करीबी मुल्ला बरादर तालिबान का शीर्ष नेता है. बीते 2 दशक से मुल्ला बरादर ने ही तालिबान को एकजुट रखने का काम किया, वह लंबे वक्त तक पाकिस्तान की जेल में भी बंद रहा. जब बाहर आया तो अमेरिका के साथ बातचीत की. संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद द्वारा जारी प्रतिबंधित लिस्ट में मुल्ला बरादर का भी नाम है.3. डिप्टी पीएम अब्दुल सलाम हनफी अफगानिस्तान के नए उपप्रधानमंत्री अब्दुल सलाम हनफी भी संयुक्त राष्ट्र की आतंकी लिस्ट में शामिल है. संयुक्त राष्ट्र के मुताबिक, अब्दुल सलाम हनफी ड्रग्स सप्लाई में शामिल है और तालिबान के लिए इसकी पूरी जिम्मेदारी संभालता है. अब्दुल सलाम तालिबान की पिछली सरकार में शिक्षा मंत्री रह चुका है.महाराष्ट्र के ठाणे में एक बच्ची का शव मिलने के बाद लोग आक्रोशित हो गए. दरअसल उल्हासनगर इलाके में तीन दिनों पहले एक बच्ची लापता हो गई थी जिसके बाद परिजनों ने थाने में गायब होने की रिपोर्ट भी दर्ज कराई थी. इसी के बाद गुरुवार को उसका शव हिल लाइन पुलिस स्टेशन से कुछ दूरी पर मिला जिसे देखकर स्थानीय लोग भड़क गए.
गौतम अडानी पर आरोप है कि उन्होंने अमेरिका के निवेशकों के पैसे से भारत में सरकारी अधिकारियों को रिश्वत दी और ये रिश्वत भी उन प्रोजेक्ट्स के लिए दी गई, जिससे 20 वर्षों में अडानी ग्रुप की एक कम्पनी को 2 बिलियन अमेरिकी डॉलर्स यानी भारतीय रुपयों में लगभग 16 हज़ार 881 करोड़ रुपये का मुनाफा होने का अनुमान है. आरोप है कि इस मुनाफे के लिए साल 2021 से 2022 के बीच आंध्र प्रदेश, ओडिशा, जम्मू-कश्मीर, तमिलनाडु और छत्तीसगढ़ की सरकारों को लगभग 2200 करोड़ रुपये की रिश्वत दी गई.
गौतम अडानी एक बार फिर चर्चा में हैं क्योंकि उन पर सोलर एनर्जी प्रोजेक्ट्स के ठेके पाने के लिए भारतीय अधिकारियों को करोड़ों रुपये की रिश्वत देने का आरोप है. इस मामले पर NSUI ने भी प्रदर्शन किया है. इस मुद्दे ने राजनीतिक और व्यावसायिक जगत में खलबली मचा दी है, जिसमें भ्रष्टाचार और व्यापारिक नैतिकता के सवाल शामिल हैं.