तालिबान के खौफ से भागे थे 200 अफगान नागरिक, पाकिस्तान ने अफगानिस्तान को सौंपा
AajTak
तालिबान का शासन आने के बाद अफगानिस्तान से बड़ी संख्या में लोगों ने पाकिस्तान का रुख किया. अवैध रूप से जो अफगान नागरिक घुसे थे, उन्हें अब पाकिस्तान ने वापस भेजना शुरू कर दिया है.
अफगानिस्तान पर तालिबान का कब्जा होने के बाद पाकिस्तान गए 200 से अधिक अफगान नागरिकों को वापस भेज दिया गया है. इनमें महिलाएं और बच्चे भी शामिल हैं. पाकिस्तान का कहना है कि ये सभी अवैध रूप से उनके मुल्क में घुसे थे. तालिबान ने जब अफगानिस्तान पर कब्जा किया, तब हजारों लोग देश छोड़कर भागना चाहते थे. बड़ी संख्या में लोग अलग-अलग क्षेत्रों से पाकिस्तान के बॉर्डर पर पहुंचे और चमन इलाके के पास आकर रुक गए. यहां सैकड़ों लोगों ने रेलवे स्टेशन पर अपना वक्त गुजारा. पाकिस्तानी मीडिया के मुताबिक, स्थानीय अधिकारियों ने किसी को भी आगे के इलाकों में नहीं आने दिया. कुछ अफगान नागरिक क्वेटा तक भी पहुंच गए थे, लेकिन पाकिस्तान की पुलिस ने इन्हें ढूंढ निकाला और कस्टडी में ले लिया. DAWN अखबार की रिपोर्ट में दावा किया गया है कि पाकिस्तान के अधिकारियों ने अब ऐसे ही 200 से अधिक नागरिकों को वापस भेज दिया है. अधिकारियों का कहना है कि ये अवैध रूप से पाकिस्तान में घुसे थे, ऐसे में इन्हें वापस भेज दिया गया है. पाकिस्तान में बड़ी संख्या में लोग अफगानिस्तान से आए हैं, लेकिन जिनके पास पासपोर्ट, वीजा है उन्हें ही एंट्री दी जा रही है. रिपोर्ट्स के मुताबिक, पाकिस्तान में करीब 3 मिलियन अफगान नागरिक रहते हैं. बड़ी संख्या में पिछले सालों में ही यहां पर पहुंचे हैं. तालिबानी शासन आने के बाद काबुल एयरपोर्ट से बड़ी संख्या में लोगों ने देश छोड़ा है. अमेरिकी सेना की अगुवाई में चले रेस्क्यू ऑपरेशन में करीब डेढ़ लाख से अधिक लोगों को निकाला गया है. हालांकि, अमेरिका के जाने के बाद से ही काबुल एयरपोर्ट बंद पड़ा है.महाराष्ट्र के ठाणे में एक बच्ची का शव मिलने के बाद लोग आक्रोशित हो गए. दरअसल उल्हासनगर इलाके में तीन दिनों पहले एक बच्ची लापता हो गई थी जिसके बाद परिजनों ने थाने में गायब होने की रिपोर्ट भी दर्ज कराई थी. इसी के बाद गुरुवार को उसका शव हिल लाइन पुलिस स्टेशन से कुछ दूरी पर मिला जिसे देखकर स्थानीय लोग भड़क गए.
गौतम अडानी पर आरोप है कि उन्होंने अमेरिका के निवेशकों के पैसे से भारत में सरकारी अधिकारियों को रिश्वत दी और ये रिश्वत भी उन प्रोजेक्ट्स के लिए दी गई, जिससे 20 वर्षों में अडानी ग्रुप की एक कम्पनी को 2 बिलियन अमेरिकी डॉलर्स यानी भारतीय रुपयों में लगभग 16 हज़ार 881 करोड़ रुपये का मुनाफा होने का अनुमान है. आरोप है कि इस मुनाफे के लिए साल 2021 से 2022 के बीच आंध्र प्रदेश, ओडिशा, जम्मू-कश्मीर, तमिलनाडु और छत्तीसगढ़ की सरकारों को लगभग 2200 करोड़ रुपये की रिश्वत दी गई.
गौतम अडानी एक बार फिर चर्चा में हैं क्योंकि उन पर सोलर एनर्जी प्रोजेक्ट्स के ठेके पाने के लिए भारतीय अधिकारियों को करोड़ों रुपये की रिश्वत देने का आरोप है. इस मामले पर NSUI ने भी प्रदर्शन किया है. इस मुद्दे ने राजनीतिक और व्यावसायिक जगत में खलबली मचा दी है, जिसमें भ्रष्टाचार और व्यापारिक नैतिकता के सवाल शामिल हैं.