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डिजिटल अरेस्ट से फेक इनवेस्टमेंट, 2024 में कई लोग हुए शिकार, भारत में डेली लगता था 60 करोड़ रुपये का चूना
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साल 2024 में कई लोग साइबर ठगी का शिकार हुए, जिसमें कई लोगों की जिंदगीभर की कमाई लुट गई है. इस दौरान कई लोगों ने अपनी जिंदगी भी गंवा दी. इंडियन साइबर क्राइम कॉर्डिनेशन सेंटर (I4C) के मुताबिक, साल 2024 के पहले छह महीने में भारतीयों ने करीब 11 हजार करोड़ रुपये गंवा दिए थे. भारतीयों ने औसतन डेली 60 करोड़ रुपये गंवाए हैं.
साल 2024 खत्म होने को है और इस साल बहुत से लोग साइबर ठगी के शिकार हुए हैं. एक रिपोर्ट के मुताबिक, भारत समेत पूरी दुनिया में करीब 85 लाख करोड़ रुपये की साइबर ठगी के शिकार हुए हैं. इस साल सिर्फ भारत में डेली 60 करोड़ रुपये का चूना लगा है. इस दौरान साइबर ठगों ने भोले-भाले लोगों को ठगने के लिए अल-अलग तरकीब का इस्तेमाल किया. इसमें सबसे खतरनाक और डरावना Digital Arrest रहा है. कई लोगों ने अपनी जान तक गंवा दी.
इंडियन साइबर क्राइम कॉर्डिनेशन सेंटर (I4C) के मुताबिक, साल 2024 के पहले छह महीने में भारतीयों ने करीब 11 हजार करोड़ रुपये गंवा दिए थे. नेशनल साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल पर डेली 6 हजार कंप्लेंट दर्ज की गईं हैं. भारतीयों ने औसतन डेली 60 करोड़ रुपये गंवाए हैं.
Global Anti-Scam Alliance (GASA) की रिपोर्ट्स के मुताबिक, साइबर ठग लोगों से ठगी करने के लिए आमतौर पर फोन कॉल्स और मैसेज आदि का इस्तेमाल करते थे. इसके बाद वे भोले-भाले लोगों को अपने झांसे में फंसाते और बैंक खाते से करोड़ों रुपये तक उड़ा लेते हैं. इसके लिए मैसेजिंग ऐप WhatsApp, Telegram और Gmail आदि का भी इस्तेमाल किया जाता है.
रिपोर्ट में बताया है कि एशिया में साइबर ठगों ने करीब 57.1 लाख करोड़ रुपये की ठगी को अंजाम दिया है. वहीं पूरी दुनिया में ये आकड़ा 85.49 लाख करोड़ रुपये है. यहां आज उन तरीकों के बारे में बात करने जा रहे हैं, जिनकी मदद से दुनिया के कई लाख लोगों को साइबर फ्रॉड का शिकार बनाया गया है.
AI का इस काफी बोल-बोला रहा है, जहां पूरी दुनिया में कई कंपनियों ने अपने-अपने अपडेट वर्जन और उनकी खूबियों से लोगों को हैरान किया है, वहीं कई साइबर ठगों ने इसका इस्तेमाल लोगों को लूटने के लिए किया. AI की मदद से स्कैमर्स ने Deepfake वीडियो और ऑडियो तैयार किया, इसमें वे माता-पिता, भाई-बहन, दोस्त या किसी परिचित की आवाज निकालते या फिर उनसे मिलता-जुलता फेस तैयार करते. इसके बाद वे वीडियो या ऑडियो कॉल करते हैं. फिर वे पर्सनल डिटेल्स, OTP या फिर किसी लिंक पर क्लिक करा लेते हैं. इसके बाद वे साइबर ठगी को अंजाम देते हैं.
Deepfake का एक ऐसा ही पॉपुलर केस भारतीय एयरटेल के चेयरमैन सुनील मित्तल का है. साइबर ठगों ने उनकी वॉयस की कॉपी तैयारी की और फिर कंपनी के कई कर्मचारियों ने अपने बैंक खाते से निकालकर ठगों द्वारा बताए गए अकाउंट में ट्रांसफर कर दिए.
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प्रयागराज में माघ पूर्णिमा के अवसर पर करीब 2 करोड़ श्रद्धालुओं ने संगम में आस्था की डुबकी लगाई. इस दौरान शासन-प्रशासन हर मोर्चे पर चौकस रहा. योगी आदित्यनाथ ने सुबह 4 बजे से ही व्यवस्थाओं पर नजर रखी थी. श्रद्धालुओं की भारी भीड़ के कारण ट्रेनों और बसों में यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ा. देखें.
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हिंदू पंचांग के अनुसार माघ मास में शुक्ल पक्ष का 15वीं तिथि ही माघ पूर्णिमा कहलाती है. इस दिन का धार्मिक, आध्यात्मिक और सांस्कृतिक दृष्टि से खास महत्व है और भारत के अलग-अलग हिस्सों में इसे श्रद्धा और भक्ति के साथ मनाया जाता है. लोग घरों में भी कथा-हवन-पूजन का आयोजन करते हैं और अगर व्यवस्था हो सकती है तो गंगा तट पर कथा-पूजन का अलग ही महत्व है.