जॉर्ज सोरोस को लेकर कॉन्सपिरेसी थ्योरीज क्या हैं? क्यों ये यहूदी-अमेरिकी कारोबारी अलग-अलग देशों में है विवादित
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जॉर्ज सोरोस और उनकी ओपन सोसाइटी फाउंडेशन को कई देशों की सरकारों और विरोधी समूहों ने 'तबाही का एजेंट' करार दिया है. उन्हें रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन का तख्तापलट करने की कथित साजिश का अहम किरदार भी बताया गया.
अमेरिकी अरबपति जॉर्ज सोरोस (George Soros) को लेकर भारत में एक बार फिर सियासत शुरू हो गई है. बीजेपी ने 9 दिसंबर को लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी पर भारत को कथित तौर पर अस्थिर करने के लिए जॉर्ज सोरोस जैसी 'अंतरराष्ट्रीय ताकतों' के साथ मिलीभगत का आरोप लगाया. सोरोस हमेशा से कॉन्स्पिरेसी थ्योरीज के केंद्र में रहे हैं. इस वजह से वह सिर्फ भारत में ही नहीं बल्कि कई देशों में विवादित शख्सियत भी हैं.
जॉर्ज सोरोस पर दक्षिणपंथी समूहों की ओर से अपने राजनीतिक एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिए वैश्विक विरोध प्रदर्शन या संकट पैदा करने का आरोप लगाया जाता है. सोरोस एक अत्यंत विवादित शख्सियत हैं. लेकिन वह अपने समर्थकों के लिए लोकतंत्र, मानवाधिकार और खुले समाज को आगे बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध, दूरदर्शी और परोपकारी व्यक्ति हैं. वहीं उनके आलोचक सोरोस को एक कुटिल और शक्तिशाली अरबपति मानते हैं, जो अपनी संपत्ति का उपयोग अर्थव्यवस्थाओं को अस्थिर करने और संप्रभु राष्ट्रों के राजनीतिक मामलों को प्रभावित करने के लिए करता है.
जॉर्ज सोरोस और उनकी ओपन सोसाइटी फाउंडेशन को कई देशों की सरकारों और विरोधी समूहों ने 'तबाही का एजेंट' करार दिया है. उन्हें रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन का तख्तापलट करने की कथित साजिश का अहम किरदार भी बताया गया. इसके साथ ही माइग्रेशन की वजह से यूरोपीय यूनियन में अस्थिरता और अरब स्प्रिंग प्रोटेस्ट की फंडिंग करने का भी आरोप लगा है.
करेंसी मैनिपुलेशन में रहा है रोल!
कहा जा रहा है कि सोरोस की वजह से 1997 में एशिया के वित्तीय संकट खड़ा हो गया था. उन पर मलेशिया और थाइलैंड की करेंसी से छेड़छाड़ करने के आरोप लगे हैं.
यूके में सोरोस को बैंक ऑफ इंग्लैंड को 'बर्बाद' करने वाले व्यक्ति के रूप में जाना जाता है. कथित रूप से सोरोस ने पहले पाउंड उधार लिए और फिर उन्हें बेच दिया. इससे यूके की करेंसी कमजोर हो गई. इस पूरे लेन-देन से सोरोस को कथित तौर पर एक अरब डॉलर का मुनाफा हुआ था.
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