52 किलो सोना 234 Kg चांदी जब्ती केस: झूठा शपथ पत्र देकर मां ने बेटे सौरभ शर्मा को दिलाई थी अनुकंपा नियुक्ति
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Saurabh Sharma News: ग्वालियर के विनय नगर सेक्टर-2 निवासी सौरभ शर्मा के पिता सरकारी डॉक्टर थे. सल 2015 में उनका निधन हो गया था. पिता डॉ. राकेश कुमार शर्मा के निधन के बाद छोटे बेटे सौरभ शर्मा को अनुकंपा नियुक्ति दिलाने का षड्यंत्र रचा गया.
मध्य प्रदेश परिवहन विभाग के पूर्व सिपाही सौरभ शर्मा को नौकरी दिलाने के लिए उसकी मां उमा शर्मा ने झूठा शपथ पत्र दिया था. उमा शर्मा का बड़ा बेटा सचिन शर्मा छत्तीसगढ़ सरकार की नौकरी कर रहा था, लेकिन उन्होंने झूठा शपथ पत्र दिया. सोशल मीडिया पर अब यह शपथ पत्र वायरल हो रहा है.
दरअसल, ग्वालियर के विनय नगर सेक्टर-2 निवासी सौरभ शर्मा के पिता सरकारी डॉक्टर थे. सल 2015 में उनका निधन हो गया था. पिता डॉ. राकेश कुमार शर्मा के निधन के बाद छोटे बेटे सौरभ शर्मा को अनुकंपा नियुक्ति दिलाने का षड्यंत्र रचा गया.
अनुकंपा नियुक्ति पाने के लिए शपथ पत्र में सौरभ शर्मा ने लिखा, ''मेरे पिता के आश्रित सदस्यों में से कोई भी शासकीय एवं अर्ध शासकीय सेवा में नहीं है.'' जबकि सौरभ का बड़ा भाई सचिन शर्मा इस दौरान छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग से चयनित होकर सरकारी नौकरी कर रहा था.
यही नहीं, सौरभ शर्मा की मां उमा शर्मा ने भी अपने शपथ पत्र में लिखा, ''मेरा बड़ा पुत्र सचिन शर्मा अपने परिवार के साथ 5 वर्षों से रायपुर (छत्तीसगढ़) में नौकरी कर रहा है जो सरकारी नहीं है और मेरे पति पर आश्रित परिवार का कोई भी सदस्य शासकीय अथवा निगम मंडल परिषद आयोग आदि में नियमित व नियोजित नहीं है.''
अब मध्य प्रदेश की लोकायुक्त पुलिस अब इस वायरल हो रहे शपथ पत्र को जांच में शामिल होकर कार्रवाई करने की बात कर रही है.
कौन है सौरभ शर्मा? एमपी की राजधानी भोपाल के पॉश इलाके अरेरा कॉलोनी ई-7 में रहने वाला सौरभ शर्मा परिवहन विभाग के सिपाही के पद पर पदस्थ था. 2015 के पिता की मृत्यु के बाद उसने अनुकंपा नियुक्ति के तहत यह नौकरी हासिल की थी. लेकिन करीब 7 साल की नौकरी के बाद ही वीआरएस लेकर ठेकेदारी के काम में कूद गया.
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