'जय श्रीराम के नारे लगवाए, पानी मांगा तो पेशाब पीने को कहा', गाजियाबाद केस में बुजुर्ग ने बदला बयान
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अब्दुल समद सैफी ने कहा कि 'जय श्रीराम' के नारे लगवाए, पानी मांगा तो मुझसे पेशाब पीने को कहा. सैफी के साथ खड़े शख्स ने कहा कि इनको मारने के लिए दो बार तमंचा चलाया गया, लेकिन फायर मिस हो गया. आखिर पुलिस ने 307 में एफआईआर क्यों नहीं की?
यूपी के गाजियाबाद के लोनी में अब्दुल समद सैफी पर हुए हमले के बाद सियासी बयानबाजी तेज है. इस बीच समद सैफी का एक और बयान सामने आया है, जिसमें वह नारेबाजी, जान से मारने की धमकी, मारपीट और पेशाब पीने तक की बात कह रहे हैं. समद ने ताबीज वाली बात को भी झूठ बताया है. ये बात बुधवार रात समद सैफी ने अपने घर बुलंदशहर के अनूपशहर में पत्रकारों से कही. वीडियो में उनके साथ मौजूद लोग पुलिस के एक्शन पर सवाल उठा रहे हैं. अब्दुल समद सैफी ने कहा कि मेरी कनपटी पर पिस्तौल लगाई गई, चार लोग थे, डंडे और बेल्ट से मुझे बहुत मारा, मैं उनको नहीं जानता था.NCP के प्रवक्ता महेश चव्हाण ने हाल ही में EVM पर सवाल उठाते हुए कहा कि अगर कोई भी व्यक्ति EVM पर संदेह नहीं कर रहा है, तो वो राजनीति छोड़ देंगे. उन्होंने इस मुद्दे पर राजनीतिक विश्लेषक आशुतोष से चर्चा करते हुए EVM के हैक होने की संभावना को लेकर भी बातें कीं. आशुतोष ने इस संबंध में महत्वपूर्ण विचार प्रस्तुत किए. EVM की सुरक्षा और पारदर्शिता पर इस चर्चा से राजनीतिक गलियारों में नई हलचल देखने को मिल रही है.
हिंदू सेना के विष्णु गुप्ता ने अजमेर में ख्वाजा मुईनुद्दीन चिश्ती की दरगाह को हिंदू पूजा स्थल होने की याचिका कोर्ट में दायर की थी. याचिका पर बुधवार को अजमेर पश्चिम सिविल जज सीनियर डिविजन मनमोहन चंदेल की कोर्ट ने सुनवाई की. इस दौरान वादी विष्णु गुप्ता के वाद पर न्यायाधीश मनमोहन चंदेल ने संज्ञान लेते हुए दरगाह कमेटी ,अल्पसंख्यक मामलात व एएसआई को समन नोटिस जारी करने के निर्देश दिए.
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