जंग में हमास का खुलकर साथ देगा हिज्बुल्ला? लेबनानी संगठन चीफ नसरल्लाह के भाषण पर टिकीं दुनिया भर की निगाहें
AajTak
लेबनान के संगठन हिज्बुल्ला का प्रमुख हसन नसरल्लाह आज शुक्रवार को युद्ध के बाद पहली बार भाषण देगा. इस पर दुनिया भर की निगाहें टिकी रहेंगी. वहीं इजरायली सेना की भी इसके चलते मुश्किलें बढ़ सकती हैं. कारण, अभी तक हिज्बुल्ला खुलकर हमास के समर्थन में युद्ध में नहीं उतरा है. हालांकि युद्ध शुरू होने के बाद पहली बार नसरल्लाह कोई सार्वजिनक भाषण देने जा रहा है.
हमास के खिलाफ इजरायल की जंग जारी है. इजरायल की सेना का दावा है कि वो गाजा शहर के दरवाजे तक पहुंच चुकी है, यानी वो अब हमास के गढ़ पर चढ़ाई की तैयारी कर रही है. इजरायल की जमीनी चढ़ाई के बीच हमास नेताओं में भी खलबली मची है. वो लगातार इजरायल के खिलाफ जहर उगल रहे हैं. उसके एक नेता ने कहा है कि इस धरती पर इजरायल का अस्तित्व मिटाकर दम लेंगे, चाहे इसके लिए लाखों हमले क्यों ना करने पड़ें.
इस सबके बीच लेबनान के संगठन हिज्बुल्ला का प्रमुख हसन नसरल्लाह आज शुक्रवार को युद्ध के बाद पहली बार भाषण देगा. इस पर दुनिया भर की निगाहें टिकी रहेंगी. वहीं इजरायली सेना की भी इसके चलते मुश्किलें बढ़ सकती हैं. कारण, अभी तक हिज्बुल्ला खुलकर हमास के समर्थन में युद्ध में नहीं उतरा है. लेकिन पिछले कुछ दिनों से उसकी तरफ से लगातार इजरायली बॉर्डर पर हमले किए जा रहे हैं. जवाबी कार्रवाई में उसके 50 लड़ाके भी अब तक मारे जा चुके हैं.
सैय्यद की काली पगड़ी और शिया मौलवी की पोशाक पहनने वाला नसरल्लाह अरब दुनिया में सबसे प्रमुख शख्सियतों में से एक है.
सीमा पर हिज्बुल्ला का हमला तेज
इस भाषण से एक दिन पहले ही बॉर्डर पर एक साथ 19 इजरायली ठिकानों पर हमला किया गया. इसका इजरायल की सेना भी जवाब दे रही है. अब इस भाषण के बाद तय होगा कि हिज्बुल्ला इस युद्ध में खुलकर मैदान में उतरेगा या नहीं. ईरान द्वारा समर्थित हिज्बुल्ला फिलाहल बॉर्डर पर ही इजरायली सेना से लड़ रहा है. उसकी तरफ से युद्ध में उतरने की आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है.
वहीं लेबनान में बहुत से लोग दोपहर 3 बजे होने वाले इस भाषण का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं. कुछ लोगों का कहना है कि इस भाषण के बाद तनाव बढ़ने की संभावना है. इस भाषण की अधिक व्यापक रूप से अपेक्षा भी की जा रही है. कारण, नसरल्लाह अमेरिका और इजरायल का मुकाबला करने के लिए ईरान द्वारा स्थापित क्षेत्रीय सैन्य गठबंधन में एक है.
चीन ने अमेरिकी टैरिफ के खिलाफ वर्ल्ड ट्रेड ऑर्गेनाइजेशन में मामला दायर करने का ऐलान किया है. चीनी वाणिज्य मंत्रालय ने एक बयान जारी कर कहा, 'चीन चीनी वस्तुओं पर अमेरिका के अतिरिक्त 10 प्रतिशत टैरिफ का दृढ़ता से विरोध करता है और कड़ी निंदा करता है. चीन विश्व व्यापार संगठन के पास मामला दायर करेगा और अपने हितों की रक्षा के लिए उचित जवाबी कदम उठाएगा.'
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कई देशों पर भारी टैरिफ लगाकर व्यापार युद्ध छेड़ दिया है. चीन से आने वाले सामानों पर 10% और मैक्सिको, कनाडा से आने वाले सामानों पर 25% टैक्स लगाया गया है. ट्रंप ने पहले ही अपने इरादे स्पष्ट कर दिए थे कि जो देश अमेरिका के अनुकूल व्यवहार नहीं करेंगे, उन पर टैरिफ लगाया जाएगा. देखें...
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने शनिवार को मैक्सिको और चीन के खिलाफ नए टैरिफ आदेशों पर हस्ताक्षर किए. उन्होंने चीन से सभी आयातों पर 10 प्रतिशत और मैक्सिको से आयात पर 25 प्रतिशत शुल्क लगाने के लिए आर्थिक आपातकाल की घोषणा की. साथ ही उन्होंने कहा कि वह कनाडाई वस्तुओं पर भारी शुल्क लगाने के अपने वादे पर अमल करेंगे.
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) ने शनिवार को मैक्सिको और कनाडा से आने वाले सामानों पर 25 फीसदी और चीन से इंपोर्ट पर 10 फीसदी का टैरिफ लगाने वाले एक आदेश पर हस्ताक्षर किए हैं. इसके अलावा अमेरिका के फिलाडेल्फिया में शुक्रवार को एक बार फिर विमान दुर्घटना हुई. जिसमें 7 लोगों की मौत हो गई. देखिए यूएस टॉप 10
चीन तेजी से अपनी परमाणु क्षमता बढ़ा रहा है. साथ ही वो परमाणु युद्ध के समय अपने बचाव की पूरी तैयारी भी कर रहा है. कुछ सैटेलाइट तस्वीरें सामने आई हैं जिनसे पता चला है कि चीन दुनिया का सबसे बड़ा मिलिट्री कमांड सेंटर बना रहा है जो परमाणु युद्ध के समय शी जिनपिंग समेत चीन के शीर्ष सैन्य अधिकारियों की रक्षा करेगा.
डोनाल्ड ट्रंप ने सत्ता में आते ही अपनी विस्तारवादी योजनाएं साफ कर दी है. वो ग्रीनलैंड की खरीदना चाहते हैं, पनामा नहर पर दोबारा नियंत्रण की बात कर रहे हैं और कनाडा को अमेरिका का 51वां राज्य बनने का प्रस्ताव दे रहे हैं. ट्रंप की इन नीतियों में अमेरिका की ऐतिहासिक अवधारणा मैनिफेस्ट डेस्टिनी की झलक देखने को मिलती है.
पुलिस ने शुक्रवार को कहा कि खैबर पख्तूनख्वा में युद्धरत जनजातियों के बीच संघर्ष विराम समझौते की देख रेख कर रहे प्रशासनिक अधिाकरी पर हथियारबंद अज्ञात लोगों ने हमला कर दिया. पुलिस ने बताया कि घटना के बाद पुलिस की एक टीम आरोपियों की तलाश में सर्च ऑपरेशन शुरू कर दिया है. मनन पर हमले के कारण इलाके में शांति की कोशिशों में फिर से परेशानियां आ गई है.