
ग्रीनलैंड, पनामा नहर, कनाडा... क्या है 'मैनिफेस्ट डेस्टिनी' जिसके तहत अमेरिका का विस्तार चाहते हैं ट्रंप
AajTak
डोनाल्ड ट्रंप ने सत्ता में आते ही अपनी विस्तारवादी योजनाएं साफ कर दी है. वो ग्रीनलैंड की खरीदना चाहते हैं, पनामा नहर पर दोबारा नियंत्रण की बात कर रहे हैं और कनाडा को अमेरिका का 51वां राज्य बनने का प्रस्ताव दे रहे हैं. ट्रंप की इन नीतियों में अमेरिका की ऐतिहासिक अवधारणा मैनिफेस्ट डेस्टिनी की झलक देखने को मिलती है.
19वीं सदी में अमेरिका में एक मान्यता प्रचलित थी कि अमेरिकियों का उत्तरी अमेरिकी महाद्वीप में अपने क्षेत्र का विस्तार करना तय है. इस मान्यता को मैनिफेस्ट डेस्टिनी कहा गया. यह शब्द पत्रकार जॉन एल. ओ'सुलिवन ने 1845 में गढ़ा था. सुलिवन ने तब लिखा था कि अमेरिका को पूरे महाद्वीप में लोकतांत्रिक मूल्यों, सभ्यता का दावा करने और उसे फैलाने का अधिकार है. यह विचारधारा उत्तर अमेरिका में पश्चिम की तरफ अमेरिका के विस्तार की शक्ति बन गई और इसने अमेरिका की क्षेत्रीय, राजनीतिक और सामाजिक नीतियों को आकार दिया.
मैनिफेस्ट डेस्टिनी की जड़ें 1800 के दशक की शुरुआत में देखने को मिलती है जब 1776 में आजाद हुए अमेरिका ने अपने 13 उपनिवेशों से आगे विस्तार करना शुरू कर दिया. अमेरिका ने 1803 में लुइसियाना खरीदा. लुइसियाना काफी बड़ा था जिससे अमेरिका का आकार दोगुना हो गया. इस खरीद के बाद अमेरिका की मैनिफेस्ट डेस्टिनी मान्यता को बल मिला. 1840 के दशक तक आते-आते मैनिफेस्ट डेस्टिनी अमेरिकी नियंत्रण को अटलांटिक से लेकर प्रशांत महासागर तक बढ़ाने वाला राजनीतिक और सांस्कृतिक मंत्र बन गया था.
अमेरिका ने इस विचारधारा का इस्तेमाल अपने प्रसार की कई घटनाओं को सही ठहराने के लिए किया. जैसे- 1845 में टेक्सास को अमेरिका में मिलाना, ओरेगन ट्रेल समझौता और ओरेगन क्षेत्र का अधिग्रहण करना, मैक्सिकन-अमेरिकी युद्ध (1846-1848) को सही ठहराना, इस युद्ध के बाद अमेरिका और मैक्सिको में ग्वाडालूप हिडाल्गो की संधि हुई, जिसके तहत कैलिफोर्निया, एरिजोना और अन्य दक्षिण-पश्चिमी राज्यों को अमेरिका में शामिल किया गया.
इसी विचारधारा के तहत अमेरिका ने ट्रेल ऑफ टीयर्स जैसी नीतियों के जरिए मूल अमेरिकी जनजातियों का विस्थापन और जबरन पुनर्वास कराया.
'अमेरिका सांस्कृतिक रूप से श्रेष्ठ है'
मैनिफेस्ट डेस्टिनी के तहत इस विश्वास को बढ़ाने की कोशिश की गई कि अमेरिका सांस्कृतिक रूप से श्रेष्ठ है और उसका एक मिशन लोकतांत्रिक शासन और प्रोटेस्टेंट ईसाई धर्म का प्रसार करना है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रूस-यूक्रेन युद्ध पर अपना पक्ष रखा. उन्होंने कहा कि भारत शांति का पक्षधर है, न्यूट्रल नहीं. मोदी ने दावा किया कि भारत बुद्ध और गांधी की भूमि होने के कारण विश्व उसे सुनता है. उन्होंने कहा कि युद्ध का समाधान युद्धभूमि में नहीं, बल्कि वार्ता की मेज पर ही निकलेगा. प्रधानमंत्री ने ग्लोबल साउथ पर युद्ध के प्रभाव का भी जिक्र किया.

पाकिस्तान में हाल ही में हुए आतंकी हमलों पर एक टीवी डिबेट में पाकिस्तानी मीडिया प्रतिनिधि शाह जी ने कहा कि पाकिस्तानी सेना फेल नहीं हो रही है. उन्होंने दावा किया कि पाकिस्तान खुद आतंकवाद का शिकार है और इसकी जड़ें हिंदुस्तान में हैं. हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि पाकिस्तान आतंकवाद से लड़ रहा है और इसे खत्म करने के लिए प्रतिबद्ध है.

पाकिस्तान में बलूच लिबरेशन आर्मी (BLA) ने एक बार फिर पाकिस्तान सेना को निशाना बनाया. BLA के लड़ाकू ने क्वेटा से ताफ्तान जा रहे सुरक्षाबलों के काफिले पर हमला किया. काफिले में 7 बस और 2 वाहन शामिल थे. बीएलए ने हमले की जिम्मेदारी लेते हुए 90 पाकिस्तानी सेनाओं को मारने का दावा किया. देखें न्यूज बुलेटिन.

बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी (BLA) ने पाकिस्तानी सेना पर 4 दिन के भीतर दो बड़े हमले किए हैं. अब ताजा हमला क्वेटा से ताप्तान जा रहे पाकिस्तानी सैनिकों पर हुआ है. BLA ने दावा किया है कि उसने 90 से ज्यादा पाकिस्तानी सैनिकों को मार गिराया है. देखें BLA के इस दावे पर रक्षा विशेषज्ञ संजय कुलकर्णी का क्या मानना है.

'हमले का जवाब हमले से, यमनी सेना पूरी तरह तैयार...', ट्रंप की एयरस्ट्राइक के बाद हूती का खुला चैलेंज
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने यमन में ईरान-समर्थित हूतियों पर बड़ा हमला किया, जिसमें कम से कम 32 लोग मारे गए. हूतियों ने इस हमले को

भयंकर तूफान ने अमेरिका के कई राज्यों में भारी तबाही मचाई है, जिसके कारण कम से कम 32 लोगों की मौत हो गई है. मिसिसिपी के गवर्नर टेट रीव्स ने घोषणा की कि तीन काउंटियों में छह लोगों की मौत हो गई और तीन और लोग लापता हैं. उन्होंने सोशल प्लेटफॉर्म एक्स पर रात के समय पोस्ट में बताया कि पूरे राज्य में 29 लोग घायल हुए हैं. अर्कांसस में तीन लोगों की मौत हुई है और आठ काउंटियों में 29 लोग घायल हुए हैं. टे