घरेलू एयरलाइंस कंपनियों ने कसी कमर... अमेरिका-यूरोप और ऑस्ट्रेलिया की यात्रा अब दूर नहीं!
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रिपोर्ट में कहा गया कि अंतरराष्ट्रीय यातायात में देसी एयरलाइंस की बढ़ती हिस्सेदारी से एविएशन कंपनियों की कारोबारी हालात में सुधार होगा. अंतरराष्ट्रीय फ्लाइट्स विमान कंपनियों को घरेलू क्षेत्र के मुकाबले ज्यादा फायदा पहंचाती हैं.
भारतीय एयरलाइंस का परचम अगले कुछ बरसों में देश ही नहीं दुनिया में भी लहराने के लिए तैयार है. अगले 3 से 4 साल में इंटरनेशनल यात्रा पर जाने वाले भारतीय टूरिस्ट्स को केवल विदेशी एयरलाइंस के भरोसे नहीं रहना होगा. अनुमान जताया जा रहा है कि देसी एयरलाइंस भी भारतीयों के लिए अंतरराष्ट्रीय फ्लाइट्स के एक मजबूत विकल्प के तौर पर उभर सकती हैं. क्रेडिट रेटिंग एजेंसी क्रिसिल ने अनुमान लगाया है कि 2027-28 तक देश के अंतरराष्ट्रीय हवाई यातायात की 50 फीसदी जरूरत को पूरा करने में भारतीय एयरलाइंस सक्षम हो जाएंगी. इस अंतरराष्ट्रीय यात्री यातायात में देश से होकर गुजरने वाला यातायात भी शामिल है. 2023-24 में देश के अंतरराष्ट्रीय हवाई यातायात में भारतीय एयरलाइंस की 43 परसेंट हिस्सेदारी थी.
इंटरनेशनल फ्लाइट्स हैं मुनाफे का सौदा! क्रिसिल रेटिंग्स ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि ये सुधार भारतीय एयरलाइंस की फ्लीट में हुए इजाफे का नतीजा है. इन अतिरिक्त विमानों की तैनाती से नए अंतरराष्ट्रीय रुट्स जोड़कर एयरलाइंस अपना शेयर बढ़ा रही हैं. इनको फायदा इसलिए भी मिल पा रहा है क्योंकि विदेशी एयरलाइंस के मुकाबले इनका घरेलू संपर्क बेहतर है. रिपोर्ट में कहा गया कि अंतरराष्ट्रीय यातायात में देसी एयरलाइंस की बढ़ती हिस्सेदारी से एविएशन कंपनियों की कारोबारी हालात में सुधार होगा. अंतरराष्ट्रीय फ्लाइट्स विमान कंपनियों को घरेलू क्षेत्र के मुकाबले ज्यादा फायदा पहंचाती हैं.
प्री-कोविड से आगे अंतरराष्ट्रीय यात्री यातायात क्रिसिल के मुताबिक भारत का अंतरराष्ट्रीय यात्री यातायात 2023-24 में प्री-कोविड स्तर से आगे निकल गया है. रिपोर्ट में कहा गया कि 2023-24 में करीब सात करोड़ भारतीयों ने अंतरराष्ट्रीय रुट्स पर उड़ान भरी थी जबकि 2020-21 में कोरोना के दौरान ये लुढ़ककर 1 करोड़ के निचले स्तर पर आ गया था. लेकिन इसके बाद भारतीय एयरलाइंस की हिस्सेदारी तेजी से बढ़ी है. क्रिसिल रेटिंग्स के मुताबिक वैश्विक महामारी के बाद खर्च करने के तरीकों में काफी बदलाव आया है. इसका पुख्ता संकेत भारतीयों की हॉलीडे वैकेशंस के लिए विदेशी जाने की बढ़ती संख्या से साफ जाहिर हो रहा है. अब भारतीयों की बढ़ती आमदनी, आसान वीजा मिलना, एयरपोर्ट्स की बढ़ती संख्या और बेहतर हवाई यात्रा संपर्क से अंतरराष्ट्रीय यात्रा को बढ़ावा मिल रहा है.
डायरेक्ट फ्लाइट्स ने बढ़ाई लोकप्रियता! भारत में टूरिज्म पर सरकार के ध्यान देने से भी हवाई यातायात को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है. रिपोर्ट में कहा गया है कि भारतीय एयरलाइन ने बीते 15 महीनों में 55 नए अंतरराष्ट्रीय मार्ग जोड़े हैं जिससे उनकी कुल संख्या 300 से ज्यादा हो गई है. इनमें अमेरिका, यूरोप और ऑस्ट्रेलिया के लोकप्रिय लंबी दूरी के डेस्टिनेशंस के लिए सीधी उड़ानें शामिल हैं. इससे फ्लाइट का समय काफी कम हुआ है और किसी दूसरे देश में रुकने की जरुरत भी खत्म हो गई है.
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