खूब करेंगे खर्च... तेजी से आगे बढ़ेगा देश, Gen-Z के हाथों में इकोनॉमी की कमान!
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रिपोर्ट में कहा गया है कि जेनरेशन जेड आबादी के खर्च के रुझान से पता चलता है कि 2035 तक यह 2 लाख करोड़ डॉलर के स्तर पर पहुंच जाएगा. स्नैप इंक के मुताबिक 37.7 करोड़ से ज्यादा जेनरेशन जेड आबादी के साथ भारत एक युवा राष्ट्र है.
भारत की इकोनॉमी को आगे बढ़ाने में लोगों की खपत का बड़ा हाथ है, यानी लोग जितना ज्यादा खर्च करेंगे उतनी ही तेजी से देश की अर्थव्यवस्था भी दौड़ लगाएगी. भारतीय वैसे भी खर्च करने के खूब शौकीन हैं. लेकिन इसके लिए उन्हें नौकरी और इनकम का भरोसा चाहिए. अब खर्च करने का ये ट्रेंड भारतीय युवा यानी जेनरेशन Zee बढ़ाने के लिए तैयार है. जेनरेशन Zee में वो पीढ़ी है, जो 1997 से 2012 के बीच जन्मी है.
ये सबसे युवा पीढ़ी अपने खर्च के जरिये खपत बढ़ाने में महत्वपूर्ण रोल निभा रही है. बोस्टन कंसल्टिंग ग्रुप (बीसीजी) और स्नैपचैट की पैरेंट कंपनी स्नैप इंक की एक रिपोर्ट के मुताबिक 2035 तक ये आबादी 2 लाख करोड़ डॉलर यानी करीब 168 लाख करोड़ रुपये खर्च करेगी.
अर्थव्यवस्था से जुड़ी खबर
इससे देश की अर्थव्यवस्था के लिहाज से महत्वपूर्ण मानी जाने वाली खपत में ज्यादा तेजी आएगी. ये रकम खपत आधारित भारतीय अर्थव्यवस्था को आगे बढ़ाने में काफी मददगार होगी. देश में रहने वाली अब तक की सबसे बड़ी और युवा पीढ़ी जेनरेशन जेड की आबादी 37.7 करोड़ से ज्यादा है.
इनका कुल खर्च 860 अरब डॉलर है, जो भारत की कुल खपत का करीब 43 फीसदी है. रिपोर्ट में कहा गया है कि 860 अरब डॉलर में से करीब 200 अरब डॉलर ये आबादी खुद खर्च करती है. बाकी 660 अरब डॉलर का खर्च इनकी सिफारिशों या प्राथमिकताओं से प्रभावित होकर दूसरे लोग खरीदारी पर करते हैं.
ऐसे में रिपोर्ट में कहा गया है कि जेनरेशन जेड आबादी के खर्च के रुझान से पता चलता है कि 2035 तक यह 2 लाख करोड़ डॉलर के स्तर पर पहुंच जाएगा. स्नैप इंक के मुताबिक 37.7 करोड़ से ज्यादा जेनरेशन जेड आबादी के साथ भारत एक युवा राष्ट्र है.
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