क्या पत्नियों के साथ न रहने से सुधरेगा टीम इंडिया का प्रदर्शन? BCCI का नया नियम
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बीसीसीआई ने खिलाड़ियों के साथ उनकी पत्नियों के दौरे पर रहने को लेकर नया नियम बनाने का फैसला किया है. इस नियम के तहत, 45 दिन से ज्यादा के दौरे पर पत्नियां केवल 14 दिन और 45 दिन से कम के दौरे पर 7 दिन ही रह पाएंगी. यह कदम ऑस्ट्रेलिया में मिली हार के बाद उठाया गया है. पूर्व क्रिकेटर मदन लाल ने इस फैसले पर सवाल उठाए हैं और कहा है कि बीसीसीआई को टीम के प्रदर्शन पर ध्यान देना चाहिए, न कि खिलाड़ियों की पत्नियों पर.
भारतीय टीम को अगले महीने चैम्पियंस ट्रॉफी खेलनी है. टूर्नामेंट का आगाज 19 फरवरी को होगा. इसके लिए भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) ने अब तक भारतीय स्क्वॉड का ऐलान नहीं किया है. बता दें कि 18-19 जनवरी को बीसीसीआई की स्पेशल मीटिंग होनी है. इस दौरान चैम्पियंस ट्रॉफी के लिए भारतीय टीम का ऐलान भी किया जा सकता है.
बीसीसीआई ने खिलाड़ियों के लिए नए और कड़े नियम लागू किए हैं. अब सभी खिलाड़ियों को टीम की बस से ही यात्रा करनी होगी और निजी मैनेजरों को वीआईपी बॉक्स में बैठने की अनुमति नहीं होगी. सामान की सीमा 150 किलो तक है, इससे अधिक होने पर अतिरिक्त शुल्क देना होगा. परिवार को साथ रखने पर भी नए नियम बनाए गए हैं. देखें.
BGT हार को लेकर BCCI ने एक रिव्यू मीटिंग की, जिसमें खिलाड़ियों के प्रदर्शन पर गंभीरता के साथ बात हुई. मीटिंग में खिलाड़ियों के द्विपक्षीय सीरीज में लगातार नहीं खेलने और बीच-बीच में आराम लेने का मुद्दा भी उठाया गया. भारतीय टीम मैनेजमेंट ने इस पर चिंता जाहिर की. समझा जाता है कि खिलाड़ी अब से खेलने को लेकर मनमर्जी नहीं कर पाएंगे.
इस साल होने वाली आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी से पहले टीम इंडिया के लिए बड़ा झटका लगा है. टीम के प्रमुख गेंदबाज जसप्रीत बुमराह चोट के चलते कुछ मैचों में नहीं खेल पाएंगे. उनकी पीठ की समस्या के चलते ग्रुप स्टेज के मैचों में उनकी भागीदारी संदिग्ध है. इसके पहले बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के सिडनी टेस्ट के दौरान भी उन्हें पीठ की समस्या हुई थी.