क्या अमेरिका का 51वां राज्य बन सकता है कनाडा, दोनों देशों के संविधान में जिक्र, फिर क्या अड़चन?
AajTak
अगले कुछ ही दिनों में अमेरिकी राष्ट्रपति बनने जा रहे डोनाल्ड ट्रंप कनाडा, खासकर उसके पीएम जस्टिन ट्रूडो पर नाराज हैं. इतने नाराज कि उन्होंने कनाडा को यूएस का 51वां राज्य बनाने का प्रस्ताव दे दिया, जहां ट्रूडो गवर्नर होंगे. ट्रंप ये बात कई बार दोहरा चुके. फिलहाल वे कई ऐसी बातें कर रहे हैं, जो विस्तारवादी लगें, लेकिन क्या ऐसा वाकई संभव है?
अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप कुछ दिनों के भीतर कई बार कनाडा को यूएस का 51वां राज्य और वहां के पीएम जस्टिन ट्रूडो को उसका गवर्नर बता चुके. क्रिसमस के मौके पर भी उन्होंने ये बात दोहरा दी. साथ ही वे इस प्रपोजल के फायदे गिनाना भी नहीं भूले. ट्रंप ये बात तब कर रहे हैं, जबकि अपने देश में ट्रूडो की हालत ठीक नहीं. दो देशों के बीच इस तरह की बात काफी दशकों में पहली बार हो रही है. हालांकि अमेरिका के पचास राज्यों में कई इसी तरह जोड़-तोड़कर बने हैं.
कैसे हैं कनाडा और यूएस के रिश्ते
कनाडा और यूएस ऐतिहासिक तौर पर मित्र देश रहे हैं. इनकी मित्रता का अंदाजा इस बात से लगा सकते हैं कि दोनों के बीच दुनिया की सबसे लंबी अनडिफेंडेट सीमा है, जिसपर कोई विवाद-फसाद नहीं. ये उनके आपसी भरोसे को दिखाता है. वैसे वक्त-बेवक्त दोनों के बीच कुछ मतभेद भी होते रहे लेकिन बड़ी तस्वीर दोस्ती और शांति की है. भाषा और कल्चर भी उन्हें जोड़े रखता है. दोनों के बीच कुछ ही नीतियों, जैसे इमिग्रेशन और क्लाइमेट चेंज पर कुछ तनातनी रही. लेकिन अब इसमें बदलाव आ रहा है.
क्या कह रहे हैं ट्रंप
जनवरी में डोनाल्ड ट्रंप अमेरिकी राष्ट्रपति होंगे. इससे पहले से ही वे कनाडाई लीडर जस्टिन ट्रूडो पर नाराजगी दिखा रहे हैं. पहले उन्होंने कनाडा पर टैरिफ बढ़ा देने की धमकी दी. बाद में लगभग बहलाते हुए कहा कि अगर कनाडा अमेरिका में शामिल होने पर राजी हो जाए तो टैरिफ भी माफ हो जाएगा और कनाडा को शानदार सैन्य सुरक्षा भी मिल सकेगी. ट्रंप की धमकियों के बाद ट्रूडो अमेरिका में उनसे मिलने भी गए लेकिन खाली हाथ लौटे. इसके बाद से ही ट्रंप का गवर्नर ट्रूडो वाला मजाक चल रहा है.
यूक्रेन से युद्धविराम के सवाल पर रूसी विदेश मंत्री का सख्त बयान सामने आया है. उन्होंने कहा कि स्थायी शांति के लिए कानूनी रूप से बाध्यकारी समझौता बनाए जाने की जरूरत है. रूस और उसके पड़ोसी देशों की सुरक्षा सुनिश्चित हो. लावरोव ने कहा कि कमजोर समझौते के साथ युद्धविराम का कोई मतलब नहीं. देखें दुनिया की बड़ी खबरें.
पाकिस्तान के सूचना मंत्री ने मिलिट्री कोर्ट की प्रशंसा की, जहां इमरान खान के समर्थकों के खिलाफ ट्रायल चल रहा है. उन्होंने मिलिट्री कोर्ट के बचाव में कहा कि ये अदालतें निष्पक्ष सुनवाई कर रही हैं. बीते साल मई में इमरान समर्थकों ने विरोध प्रदर्शन किया था, जब दावा है कि मिलिट्री संस्थानों को भी निशाना बनाया गया था.
पाकिस्तान ने अफगानिस्तान के एक खास इलाके को निशाना बनाकर हवाई हमले किए, जिसमें 46 नागरिकों की मौत हो चुकी. बढ़े हुए तनाव के बीच पाकिस्तानी तालिबान या टीटीपी का नाम आ रहा है. ये वो समूह है, जो पाक से जुड़ा रहते हुए भी इस्लामाबाद के खिलाफ रहा. यहां तक कि वो देश के कई हिस्सों में तालिबानी शासन लाने की कोशिश भी करता रहा.