US विदेश मंत्री से एस जयशंकर की मुलाकात, भारत-अमेरिका पार्टनरशिप मजबूत करने पर बातचीत
AajTak
भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने विश्वास जताया कि भारत-अमेरिका संबंध दोनों देशों के आपसी हितों के साथ-साथ वैश्विक भलाई के लिए भी उपयोगी होंगे.
भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर (S Jaishankar) ने अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन से मुलाकात की और पिछले चार साल में US-इंडिया पार्टनरशिप की एडवांसमेंट की समीक्षा की.
जयशंकर ने सोशल मीडिया पोस्ट में कहा, "कल (गुरुवार) शाम को वाशिंगटन डीसी में एंटनी ब्लिंकन से मिलकर बहुत खुशी हुई. पिछले चार साल में अमेरिका-भारत साझेदारी की प्रगति की समीक्षा की. इस बात पर सहमति है कि कई सेक्टर्स में हमारा सहयोग मजबूत हुआ है, साथ ही हमारे कंफर्ट लेवल में भी बढ़ोतरी हुई है." जयशंकर ने यकीन जताया कि भारत-अमेरिका संबंध हमारे आपसी हितों के साथ-साथ वैश्विक भलाई के लिए भी काम करेंगे."
जयशंकर ने शुक्रवार को न्यूयॉर्क, शिकागो, सैन फ्रांसिस्को, सिएटल, ह्यूस्टन और अटलांटा में भारत के महावाणिज्यदूतों से भी मुलाकात की.
'प्रोडक्टिव दिन...'
भारतीय विदेश मंत्री ने सोशल मीडिया पर एक अन्य पोस्ट में कहा, "टीम 'India in USA' और न्यूयॉर्क, शिकागो, सैन फ्रांसिस्को, सिएटल, ह्यूस्टन और अटलांटा में स्थित हमारे महावाणिज्यदूतों के साथ एक प्रोडक्टिव दिन रहा. टेक्नोलॉजी, ट्रेन और इन्वेस्टमेंट पर गौर करते हुए अमेरिका-US पार्टनरशिप को गहरा करने के मौकों पर चर्चा की. इसके साथ ही, अमेरिका में भारतीय समुदाय की बेहतर सर्विंग पर विचार साझा किए."
यह भी पढ़ें: एस. जयशंकर ने व्हाइट हाउस में अमेरिकी NSA जेक सुलिवन से की मुलाकात, इन मुद्दों पर हुई चर्चा
अगले कुछ ही दिनों में अमेरिकी राष्ट्रपति बनने जा रहे डोनाल्ड ट्रंप कनाडा, खासकर उसके पीएम जस्टिन ट्रूडो पर नाराज हैं. इतने नाराज कि उन्होंने कनाडा को यूएस का 51वां राज्य बनाने का प्रस्ताव दे दिया, जहां ट्रूडो गवर्नर होंगे. ट्रंप ये बात कई बार दोहरा चुके. फिलहाल वे कई ऐसी बातें कर रहे हैं, जो विस्तारवादी लगें, लेकिन क्या ऐसा वाकई संभव है?
अमेरिका के प्रेसिडेंट इलेक्ट डोनाल्ड ट्रंप ने वादा किया है कि ट्रांसजेंडरों को सेना के साथ-साथ स्कूलों से भी दूर रखेंगे. रिपब्लिकन पार्टी लगातार और बेहद आक्रामकता से LGBTQ राइट्स के खिलाफ बात कर रही है. बकौल ट्रंप, अमेरिकी सरकार की नीतियों में दो ही जेंडर होंगे- महिला और पुरुष. वे इसपर एग्जीक्यूटिव ऑर्डर भी ला सकते हैं.
यूक्रेन से युद्धविराम के सवाल पर रूसी विदेश मंत्री का सख्त बयान सामने आया है. उन्होंने कहा कि स्थायी शांति के लिए कानूनी रूप से बाध्यकारी समझौता बनाए जाने की जरूरत है. रूस और उसके पड़ोसी देशों की सुरक्षा सुनिश्चित हो. लावरोव ने कहा कि कमजोर समझौते के साथ युद्धविराम का कोई मतलब नहीं. देखें दुनिया की बड़ी खबरें.