कोलकाता निगम चुनाव: पोलिंग बूथ के बाहर बम फेंकने पर भिड़ीं TMC-BJP, कांग्रेस ने कहा- दोबारा चुनाव हो
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बंगाल भाजपा के सह प्रभारी अमित मालवीय ने ट्वीट कर कहा कि पूर्व डिप्टी मेयर मीना देवी पुरोहित पर टीएमसी के गुंडों ने बेरहमी से हमला किया, उनके कपड़े फाड़ दिए. पश्चिम बंगाल में कोई महिला सुरक्षित नहीं है. एक और ट्वीट में कहा कि टीएमसी के गुंडों ने बीजेपी उम्मीदवार की पत्नी को उसकी 8 साल की बेटी के सामने रेप और हत्या की धमकी दी.
कोलकाता नगर निगम (KMC) चुनाव के लिए रविवार को 144 वार्डों के 4,959 मतदान केंद्रों पर वोट डाले जा रहे हैं. सुबह सात बजे से मतदान केंद्रों के बाहर कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच कोरोना नियमों का पालन करते हुए लोगों ने मतदान शुरू किया. वोटिंग शुरू होने के कुछ घंटे बाद कोलकाता नगर निगम के खन्ना हाई स्कूल के पास मतदान बूथ के बाहर रविवार सुबह करीब 10 बजे दो बम फेंके गए. बम फेंके जाने की सूचना के बाद मौके पर पहुंची पुलिस जांच पड़ताल में जुट गई. कोलकाता पुलिस उपायुक्त प्रियब्रत रॉय के मुताबिक, अचानक ही पोलिंग बूथ के सामने 2 बम फेंके गए. इस दौरान वहां कोई वोटर मौजूद नहीं था. फिलहाल, बूथ के बाहर भारी संख्या में पुलिस की तैनाती की गई है. पुलिस इलाके में गश्त लगाकर वोटर्स का भरोसा जीतने की कोशिश कर रही है. बम फेंकने वालों की पहचान अभी नहीं हो पाई है.
NCP के प्रवक्ता महेश चव्हाण ने हाल ही में EVM पर सवाल उठाते हुए कहा कि अगर कोई भी व्यक्ति EVM पर संदेह नहीं कर रहा है, तो वो राजनीति छोड़ देंगे. उन्होंने इस मुद्दे पर राजनीतिक विश्लेषक आशुतोष से चर्चा करते हुए EVM के हैक होने की संभावना को लेकर भी बातें कीं. आशुतोष ने इस संबंध में महत्वपूर्ण विचार प्रस्तुत किए. EVM की सुरक्षा और पारदर्शिता पर इस चर्चा से राजनीतिक गलियारों में नई हलचल देखने को मिल रही है.
हिंदू सेना के विष्णु गुप्ता ने अजमेर में ख्वाजा मुईनुद्दीन चिश्ती की दरगाह को हिंदू पूजा स्थल होने की याचिका कोर्ट में दायर की थी. याचिका पर बुधवार को अजमेर पश्चिम सिविल जज सीनियर डिविजन मनमोहन चंदेल की कोर्ट ने सुनवाई की. इस दौरान वादी विष्णु गुप्ता के वाद पर न्यायाधीश मनमोहन चंदेल ने संज्ञान लेते हुए दरगाह कमेटी ,अल्पसंख्यक मामलात व एएसआई को समन नोटिस जारी करने के निर्देश दिए.
कुछ तो मजबूरियां रही होंगी , वरना एकनाथ शिंदे यूं ही नहीं छोड़ने वाले थे महाराष्ट्र के सीएम की कुर्सी का मोह. जिस तरह एकनाथ शिंदे ने सीएम पद के लिए अचानक आज सरेंडर किया वह यू्ं ही नहीं है. उसके पीछे उनकी 3 राजनीतिक मजबूरियां तो स्पष्ट दिखाई देती हैं. यह अच्छा है कि समय रहते ही उन्होंने अपना भविष्य देख लिया.
उमर अब्दुल्ला (Omar Abdullah) सरकार ने कार्यालय में 45 दिन पूरे कर लिए हैं, मुख्यमंत्री, मंत्री अभी भी अपने अधिकार, विभिन्न विभागों के कामकाज के संचालन के लिए निर्णय लेने की शक्तियों से अनभिज्ञ हैं, शासन की संरचना पर स्पष्टता लाने के लिए, गृह मंत्रालय जल्द ही जम्मू-कश्मीर में निर्वाचित सरकार की शक्तियों को परिभाषित करेगा.