कोटा: मां ने घरों में काम करके पाला, खुद भी बेची सब्जी, 'अग्निवीर' भर्ती बनी उम्मीद
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पिता के घर से निकाल देने के बाद मां का हाथ बटाने के लिए और अपनी पढ़ाई के लिए मैंने कोटा में रहकर कोटा पत्थर घिसाई का काम किया लेकिन मैंने खुद को टूटने नहीं दिया. कोरोना आया तो वो जॉब भी चली गई. तब सब्जी बेचकर अपने घर का खर्चा चलाया.
भारतीय सेना में अग्निवीर भर्ती कोटा के प्रशांत कुमार के लिए नई उम्मीद बनी है. पिता के घर से निकालने के बाद काफी संघर्ष के बाद प्रशांत आज अग्निवीर' बनकर फौज में शामिल होने जा रहा है. प्रशांत का कहना है कि आज मेरा पूरा परिवार खुश है और इस खुशी के पीछे सबसे ज्यादा योगदान अगर किसी का है तो वह मेरी मां और मेरे चाचा है. जिनकी बदौलत आज मैं यहां पर पहुंचा हूं. हकीकत है लेकिन फिर भी मुझे यह सपना जैसा लग रहा है.
प्रशांत ने बताया कि काफी दिनों पहले मुझे मेरे छोटे भाई को और मेरी मां को मेरे पिताजी ने घर से निकाल दिया था. परिवार का पालन पोषण करने के लिए मेरी मां डॉक्टर और कई अफसरों घरों में बर्तन धोकर हमें पाला है. हम किसी तरह किराये के मकान में रहकर गुजर बसर कर रहे हैं.
'कोरोना' में छूटी जॉब तो बेची सब्जी प्रशांत ने बताया कि वह कोटा में रहकर कोटा पत्थर की घिसाई का काम करता था कोरोना की वजह से वो काम भी हाथ से निकल गया. फिर सब्जी बेचकर अपने घर का खर्चा चलाया.
अग्निवीर भर्ती बनी उम्मीद कोटा एकेडमी ज्वॉइन करने के बाद प्रशांत को किसी ने अग्निवीर की भर्ती के बारे में बताया. प्रशांत ने कहा कि मेरी मां, चाचा और एकेडमी वालों के सहयोग से मैं अग्निवीर में सेलेक्ट हो गया. खुशी का ठिकाना नहीं था. सबसे ज्यादा खुशी मुझे इस बात की थी कि अब मेरी मां और मेरे छोटे भाई का गुजारा अच्छी तरह हो पाएगा.
जब पिता ने कहा- तू मेरे लिए मर चुका है अग्निवीर भर्ती में एग्जाम और रनिंग के बाद जिन 930 बच्चों का सेलेक्शन हुआ उन्हें ट्रेनिंग से पहले दस्तावेज जमा करने थे. इसी दौरान जब प्रशांत से भी दस्तावेज मांगे गए तो उसके दस्तावेजों में पिता की तस्वीर की कमी थी, जो कोटा ARO ने मांगी. उसने अपने पिता को फोन किया और कहा कि मुझे आपकी फोटो की सख्त जरूरत है. मेरा अग्निवीर भर्ती में सेलेक्शन हो गया है, डॉक्यूमेंट में आपकी फोटो चाहिए वो दे दीजिए नहीं तो मेरी इतनी मेहनत बेकार हो सकती है, पिता का जवाब यह था कि तू मेरे लिए मर चुका है, मेरा तुझसे से कोई मतलब नहीं है, उसके बाद प्रशांत ने कहा कि मिलने तो आ जाइए 6 महीने के लिए ट्रेनिंग पर जा रहा हूं, पर पिता का जवाब एक ही था कि तू मेरे लिए मर चुका है.
पिता ने फोटो देने से मना कर दिया था. प्रशांत का कहना है कि मैं अग्निवीर बनने से खुश था लेकिन पिता ने जो बात कही उससे मेरा दिल टूट गया. वेरिफिकेशन के समय मैंने कोटा एआरओ को पूरी बात बताई तो उन्होंने मेरी मां के दस्तावेज और उनकी फोटो लेकर ही मुझे सेलेक्ट कर लिया. इसके लिए मैं कोटा एआरओ को भी दिल से धन्यवाद देना चाहूंगा.
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