केंद्रीय गृह राज्य मंत्री बोले- काबुल में हमला चिंता का विषय, हमारा फोकस लोगों को निकालने पर
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भारत सरकार में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा का कहना है कि काबुल में हुए धमाकों के बाद भारत समेत पूरी दुनिया की चिंताएं बढ़ी हैं. केंद्रीय मंत्री ने बयान दिया कि हमारा पूरा फोकस भारत के लोगों को सुरक्षित वापस लाने पर है, साथ ही जिन बाहरी लोगों को हम ला सकेंगे उन्हें भी वापस लेकर आएंगे.
अफगानिस्तान के काबुल एयरपोर्ट पर हुए सीरियल ब्लास्ट में 100 से अधिक लोगों की जान चली गई है. भारत सरकार में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा का कहना है कि काबुल में हुए धमाकों के बाद भारत समेत पूरी दुनिया की चिंताएं बढ़ी हैं. केंद्रीय मंत्री ने बयान दिया कि हमारा पूरा फोकस भारत के लोगों को सुरक्षित वापस लाने पर है, साथ ही जिन बाहरी लोगों को हम ला सकेंगे उन्हें भी वापस लेकर आएंगे. अजय मिश्रा ने कहा कि ये एक चुनौती भरा काम है, लेकिन हमारे पास योजना और सक्षमता दोनों है.‘भारत इस वक्त सुरक्षित हाथों में’ केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा ने कहा कि आतंकवाद भारत के लिए चुनौतीपूर्ण रहा है. 2014 में जब नरेंद्र मोदी की अगुवाई में भाजपा की सरकार बनी, तब से आतंकियों को सीमा पर ही मारा जा रहा है और कोई बड़ी घटना इस दौरान नहीं हुई है. इस वक्त देश सुरक्षित नेतृत्व के हाथों में है. पाकिस्तान पर निशाना साधते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि पाकिस्तान की भूमिका हमेशा से ही आतंकवाद में रही है, तालिबान ने भी स्वीकारा है कि पाकिस्तान उसका दूसरा घर है. हमारा देश हर तरह की चुनौती से निपटने के लिए तैयार है. गौरतलब है कि भारत द्वारा लगातार लोगों को बाहर निकालने का काम जारी है. भारत अभी तक अफगानिस्तान से 800 से अधिक लोगों को वापस ला चुका है. इनमें कई भारतीय और अफगान नागरिक भी हैं. भारत द्वारा नेपाल और लेबनान के लोगों को भी निकाला गया है. हाल ही में केंद्रीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने सर्वदलीय बैठक में सभी राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों को अफगानिस्तान के हालात पर जानकारी दी थी. सरकार की ओर से लोगों को निकालने पर ज़ोर दिया जा रहा है. सभी राजनीतिक दलों ने भारत सरकार की कोशिशों को सराहा है.महाराष्ट्र के ठाणे में एक बच्ची का शव मिलने के बाद लोग आक्रोशित हो गए. दरअसल उल्हासनगर इलाके में तीन दिनों पहले एक बच्ची लापता हो गई थी जिसके बाद परिजनों ने थाने में गायब होने की रिपोर्ट भी दर्ज कराई थी. इसी के बाद गुरुवार को उसका शव हिल लाइन पुलिस स्टेशन से कुछ दूरी पर मिला जिसे देखकर स्थानीय लोग भड़क गए.
गौतम अडानी पर आरोप है कि उन्होंने अमेरिका के निवेशकों के पैसे से भारत में सरकारी अधिकारियों को रिश्वत दी और ये रिश्वत भी उन प्रोजेक्ट्स के लिए दी गई, जिससे 20 वर्षों में अडानी ग्रुप की एक कम्पनी को 2 बिलियन अमेरिकी डॉलर्स यानी भारतीय रुपयों में लगभग 16 हज़ार 881 करोड़ रुपये का मुनाफा होने का अनुमान है. आरोप है कि इस मुनाफे के लिए साल 2021 से 2022 के बीच आंध्र प्रदेश, ओडिशा, जम्मू-कश्मीर, तमिलनाडु और छत्तीसगढ़ की सरकारों को लगभग 2200 करोड़ रुपये की रिश्वत दी गई.
गौतम अडानी एक बार फिर चर्चा में हैं क्योंकि उन पर सोलर एनर्जी प्रोजेक्ट्स के ठेके पाने के लिए भारतीय अधिकारियों को करोड़ों रुपये की रिश्वत देने का आरोप है. इस मामले पर NSUI ने भी प्रदर्शन किया है. इस मुद्दे ने राजनीतिक और व्यावसायिक जगत में खलबली मचा दी है, जिसमें भ्रष्टाचार और व्यापारिक नैतिकता के सवाल शामिल हैं.