कहीं अफगानिस्तान को बर्बाद ना कर दे इन आतंकी संगठनों की आपसी दुश्मनी
AajTak
हमले की बात अमेरिका भी जानता था और ब्रिटेन को भी पता था. ऑस्ट्रेलिया भी इस बारे में कह चुका था और तो और काबुल पर काबिज तालिबान भी जानता था. सबके जानते हुए भी आखिरकार गुरुवार की शाम काबुल में वो हो गया, जिसे टालने के लिए दुनिया की बड़ी ताकतें लगी हुई थीं.
तालिबान की वापसी की वजह से पहले ही अफगानिस्तान में भागमभाग थी. अब आईएसआईएस खुरासान ने डर का लेवल और बढ़ा दिया है. तालिबान के खौफ से काबुल एयरपोर्ट की ओर भागने वालों पर आईएसआईएस खुरासान का कहर बरपा है. जिसकी वजह से काबुल ही नहीं, बल्कि पूरे अफगानिस्तान में डर और दहशत का माहौल है. वहां रहने वालों की जिंदगी कुछ ऐसी हो गई कि है कि उनके एक तरफ मौत का कुआं है और दूसरी तरफ आतंक की गहरी खाई.महाराष्ट्र के ठाणे में एक बच्ची का शव मिलने के बाद लोग आक्रोशित हो गए. दरअसल उल्हासनगर इलाके में तीन दिनों पहले एक बच्ची लापता हो गई थी जिसके बाद परिजनों ने थाने में गायब होने की रिपोर्ट भी दर्ज कराई थी. इसी के बाद गुरुवार को उसका शव हिल लाइन पुलिस स्टेशन से कुछ दूरी पर मिला जिसे देखकर स्थानीय लोग भड़क गए.
गौतम अडानी पर आरोप है कि उन्होंने अमेरिका के निवेशकों के पैसे से भारत में सरकारी अधिकारियों को रिश्वत दी और ये रिश्वत भी उन प्रोजेक्ट्स के लिए दी गई, जिससे 20 वर्षों में अडानी ग्रुप की एक कम्पनी को 2 बिलियन अमेरिकी डॉलर्स यानी भारतीय रुपयों में लगभग 16 हज़ार 881 करोड़ रुपये का मुनाफा होने का अनुमान है. आरोप है कि इस मुनाफे के लिए साल 2021 से 2022 के बीच आंध्र प्रदेश, ओडिशा, जम्मू-कश्मीर, तमिलनाडु और छत्तीसगढ़ की सरकारों को लगभग 2200 करोड़ रुपये की रिश्वत दी गई.
गौतम अडानी एक बार फिर चर्चा में हैं क्योंकि उन पर सोलर एनर्जी प्रोजेक्ट्स के ठेके पाने के लिए भारतीय अधिकारियों को करोड़ों रुपये की रिश्वत देने का आरोप है. इस मामले पर NSUI ने भी प्रदर्शन किया है. इस मुद्दे ने राजनीतिक और व्यावसायिक जगत में खलबली मचा दी है, जिसमें भ्रष्टाचार और व्यापारिक नैतिकता के सवाल शामिल हैं.