'कभी हिंदू बहुल इलाका हुआ करता था...', संभल के 150 साल पुरानी बावड़ी की कहानी महारानी की पोती की जुबानी
AajTak
संभल में 150 साल पुरानी बावड़ी की महारानी सुरेंद्र बाला की पोती शिप्रा बाला ने बताया कि पहले ये इलाका हिंदू बाहुल्य हुआ करता था. लेकिन जब उनके पिता ने अपनी प्रॉपर्टी बदायूं के अनेजा को बेची और बाद में उन्होंने प्लॉटिंग करवाकर इसे मुस्लिम लोगों को बेच दिया.
उत्तर प्रदेश के संभल में 46 साल पुराना मंदिर मिलने के बाद DM को एक शिकायती पत्र दिया गया था, जिसमें कहा गया था कि लक्ष्मण गंज में पहले बिलारी की रानी की बावड़ी थी. जिसके बाद यहां खुदाई की गई तो तीन मंजिला रानी की बावड़ी मिली है. यहां की रानी रहीं सुरेंद्र बाला की पोती शिप्रा बाला ने बताया कि पहले यह इलाका हिंदू बहुल था.
बिलाड़ी की रानी सुरेंद्र बाला की सबसे छोटी पोती शिप्रा बाला ने बताया कि मेरे पिता ने इसे बदायूं के अनेजा को बेचा था क्योंकि प्रॉपर्टी में कई हिस्सेदार थे, लेकिन उन्होंने प्लॉटिंग करके इसे मुस्लिमों को बेच दिया. इस कोठी को भी अनेजा ने आधे से ज्यादा मुस्लिमों को बेच दिया. पहले यहां सभी हिंदू ही थे.
बावड़ी के संरक्षण को लेकर क्या बोलीं शिप्रा?
उन्होंने इस पर कब्जे को लेकर कहा कि हम पांच बहनें हैं. हमारे लिए सौभाग्य की बात होगी कि हमारी प्रॉपर्टी हमें वापस मिल जाए. हालांकि प्रशासन का इरादा इसे जमीन से निकालकर संरक्षित करने का है. वहीं राजस्व विभाग की नजर में यहां अतिक्रमण हुआ है. बता दें कि चंदौसी का लक्ष्मण गंज क्षेत्र 1857 से पहले हिंदू बहुल था. यहां सैनी समाज के लोग रहते थे, लेकिन अब यहां मुस्लिम आबादी ज्यादा संख्या में है.
बाबड़ी को लेकर डीएम ने क्या बताया?
जर्मनी में ऐन त्योहार से पहले एक शख्स ने क्रिसमस बाजार में गाड़ी घुसा दी. हमले में पांच लोगों की मौत हो गई, जबकि सैकड़ों घायल हैं. हमलावर सऊदी अरब से है. जर्मन मीडिया के मुताबिक, अटैकर ने कार किराए पर लेकर घटना को अंजाम दिया. ये लोन वुल्फ अटैक है, जिसमें अकेला शख्स आतंकी हमला करता है. अटैक अक्सर किसी विचारधारा से प्रेरित होता है.