कनाडा, मेक्सिको के बाद अब यूरोप... ट्रंप ने दिया टैरिफ लगाने का संकेत, बोले- हमारे साथ बुरा सुलूक किया
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व्हाइट हाउस के ओवल ऑफिस में जब पत्रकारों ने उनसे पूछा कि क्या वह यूरोपीयन यूनियन पर टैरिफ लगाने पर विचार कर रहे हैं. इस पर ट्रंप ने कहा कि क्या मैं यूरोपीयन यूनियन पर टैरिफ लगाने जा रहा हूं? क्या आपको इसका सही जवाब चाहिए या फिर पॉलिटिकल जवाब? यूरोपियन यूनियन ने हमारे साथ बुरी तरह बर्ताव किया है.
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप शपथ लेने के बाद से ही टैरिफ की पॉलिसी पर आगे बढ़ रहे हैं. कनाडा, मेक्सिको और चीन पर टैरिफ लगाए जाने के बाद अब ट्रंप ने यूरोपियन यूनियन (EU) पर टैरिफ लगाने की बात कही है.
व्हाइट हाउस के ओवल ऑफिस में जब पत्रकारों ने उनसे पूछा कि क्या वह यूरोपियन यूनियन पर टैरिफ लगाने पर विचार कर रहे हैं. इस पर ट्रंप ने कहा कि क्या मैं यूरोपीयन यूनियन पर टैरिफ लगाने जा रहा हूं? क्या आपको इसका सही जवाब चाहिए या फिर पॉलिटिकल जवाब? यूरोपियन यूनियन ने हमारे साथ बुरी तरह सुलूक किया है.
बता दें कि 2018 में राष्ट्रपति पद पर रहते हुए ट्रंप ने यूरोपियन यूनियन से इंपोर्ट होने वाले एल्यूमिनियम स्टील पर टैरिफ लगा दिया था. इसके बाद ईयू ने भी व्हिस्की और मोटरसाइकिल सहित अमेरिकी उत्पादों पर टैरिफ लगाया था. बता दें कि इससे पहले ट्रंप ने चीन समेत पड़ोसी मुल्कों कनाडा और मेक्सिको पर 25-25 फीसदी टैरिफ लगाया था.
लेकिन कनाडा और मेक्सिको ने ट्रंप के इस फैसले पर जवाबी टैरिफ का भी ऐलान किया. तो चीन ने विश्व स्वास्थ्य संगठन में इसके खिलाफ मामला दायर करने को कहा.
कनाडा ने अमेरिकी टैरिफ पर जवाबी कार्रवाई करते हुए 155 अरब डॉलर के अमेरिकी आयात पर 25 फीसदी टैरिफ लगाने का फैसला किया है. कनाडा के कार्यवाहक प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने इसका ऐलान किया. ट्रंप की घोषणा के तुरंत बाद एक ट्वीट में ट्रूडो ने कहा कि वह जल्द ही मेक्सिको की राष्ट्रपति क्लाउडिया शीनबाम से बात करेंगे और इस मुद्दे पर चर्चा के लिए अपनी कैबिनेट से पहले ही मुलाकात कर चुके हैं.
मेक्सिको ने भी अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के टैरिफ का जवाब टैरिफ लगाकर दिया. मेक्सिकन राष्ट्रपति क्लाउडिया शीनबाम ने कहा कि अमेरिका द्वारा मेक्सिको के उत्पादों पर टैरिफ लगाने के बाद उन्होंने अपनी अर्थव्यवस्था मंत्री को मेक्सिको के हितों की रक्षा के लिए टैरिफ लगाने का आदेश दिया.
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डोनाल्ड ट्रंप ने 'टैरिफ लॉबी' और वैश्विक व्यापार सहयोगियों पर निशाना साधकर अमेरिका की आर्थिक नीतियों में बदलाव की पहल की है. उनका जोर घरेलू उत्पादन बढ़ाने और सब्सिडी पर निर्भरता घटाने पर है, जिससे अमेरिका की आर्थिक स्थिति में सुधार संभव होगा.
इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से मुलाकात के लिए अमेरिका रवाना हुए हैं. उनकी यात्रा का मुख्य उद्देश्य 'हमास पर जीत', ईरान के खिलाफ रणनीति और द्विपक्षीय संबंधों पर चर्चा करना है. नेतन्याहू पहले ऐसे विदेशी नेता हैं, जिनसे ट्रंप अपने दूसरे कार्यकाल में पहली मुलाकात करेंगे.
चीन ने अमेरिकी टैरिफ के खिलाफ वर्ल्ड ट्रेड ऑर्गेनाइजेशन में मामला दायर करने का ऐलान किया है. चीनी वाणिज्य मंत्रालय ने एक बयान जारी कर कहा, 'चीन चीनी वस्तुओं पर अमेरिका के अतिरिक्त 10 प्रतिशत टैरिफ का दृढ़ता से विरोध करता है और कड़ी निंदा करता है. चीन विश्व व्यापार संगठन के पास मामला दायर करेगा और अपने हितों की रक्षा के लिए उचित जवाबी कदम उठाएगा.'
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कई देशों पर भारी टैरिफ लगाकर व्यापार युद्ध छेड़ दिया है. चीन से आने वाले सामानों पर 10% और मैक्सिको, कनाडा से आने वाले सामानों पर 25% टैक्स लगाया गया है. ट्रंप ने पहले ही अपने इरादे स्पष्ट कर दिए थे कि जो देश अमेरिका के अनुकूल व्यवहार नहीं करेंगे, उन पर टैरिफ लगाया जाएगा. देखें...
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने शनिवार को मैक्सिको और चीन के खिलाफ नए टैरिफ आदेशों पर हस्ताक्षर किए. उन्होंने चीन से सभी आयातों पर 10 प्रतिशत और मैक्सिको से आयात पर 25 प्रतिशत शुल्क लगाने के लिए आर्थिक आपातकाल की घोषणा की. साथ ही उन्होंने कहा कि वह कनाडाई वस्तुओं पर भारी शुल्क लगाने के अपने वादे पर अमल करेंगे.
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) ने शनिवार को मैक्सिको और कनाडा से आने वाले सामानों पर 25 फीसदी और चीन से इंपोर्ट पर 10 फीसदी का टैरिफ लगाने वाले एक आदेश पर हस्ताक्षर किए हैं. इसके अलावा अमेरिका के फिलाडेल्फिया में शुक्रवार को एक बार फिर विमान दुर्घटना हुई. जिसमें 7 लोगों की मौत हो गई. देखिए यूएस टॉप 10
चीन तेजी से अपनी परमाणु क्षमता बढ़ा रहा है. साथ ही वो परमाणु युद्ध के समय अपने बचाव की पूरी तैयारी भी कर रहा है. कुछ सैटेलाइट तस्वीरें सामने आई हैं जिनसे पता चला है कि चीन दुनिया का सबसे बड़ा मिलिट्री कमांड सेंटर बना रहा है जो परमाणु युद्ध के समय शी जिनपिंग समेत चीन के शीर्ष सैन्य अधिकारियों की रक्षा करेगा.