एक थी 'Hindenburg'... हवाई हादसे से मिला था नाम, दिलचस्प है शुरुआत की कहानी
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Hidenburg रिचर्स बंद होने जा रही है और कंपनी के फाउंडर नाथन एंडरसन ने इसका ऐलान कर दिया है. इस शॉर्ट सेलर फर्म के नाम के पीछे एक दिलचस्प कहानी है, जो करीब 8 दशक पहले हुए एक एयरशिप एक्सिडेंट से जुड़ी है.
अमेरिकी शॉर्ट सेलर फर्म हिंडनबर्ग रिचर्स के ट्विटर अकाउंट (अब X) पर नया पोस्ट शेयर किया गया, लेकिन इस बार ये किसी कंपनी के खुलासे से जुड़ा नहीं, बल्कि खुद Hindenburg के शटर डाउन होने से जुड़ा है. कंपनी के फाउंडर नाथन एंडरसन ने अपनी इस फर्म को बंद करने का ऐलान कर दिया है. साल 2017 में शुरू हुई इस Short Selling कंपनी ने करीब 20 से ज्यादा बड़ी कंपनियों को अपना निशाना बनाया है, जिनमें से कई तो इसके भंवर में फंसकर दिवालिया भी हो गईं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि नाथन एंडरसन की इस कंपनी को 'हिंडनबर्ग' नाम कैसे मिला? इसके पीछे एक दिलचस्प कहानी है, जो एक हवाई हादसे से जुड़ी हुई है.
20 से ज्यादा बड़ी कंपनियों को बनाया निशाना हिंडनबर्ग का शटर डाउन होने जा रहा है, अमेरिकी शॉट सेलर फर्म के फाउंडर Natan Anderson ने एक भावुक सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए अपनी कंपनी को बंद करने का ऐलान कर दिया है. कंपनियों के खिलाफ बड़े खुलासे करके और शॉर्ट सेलिंग के खेल से हिंडनबर्ग ने जमकर बवाल मचाया है. अपनी शुरुआत से अब तक इस फर्म ने करीब 20 से ज्यादा बड़ी कंपनियों को निशाना बनाया है, जिनमें अडानी ग्रुप (Adani Group) से लेकर विदेशी कंपनियों WINS Finance, Nikola, SC Worx, Lordstown Motors समेत अन्य शामिल है. इनमें से कई तो दिवालिया हो चुकी हैं.
हवाई हादसे है हिंडनबर्ग का कनेक्शन नाथन एंडरसन की शॉर्ट सेलर फर्म के नाम Hindenburg का कनेक्शन एक हवाई हादसे से है. इसके पीछे की कहानी पर गौर करें, तो साल 1937 में एक एयरशिप एक्सीडेंट हुआ था और इस एयरशिप के नाम हिंडनबर्ग था. 6 मई 1937 को न्यू जर्सी के मैनचेस्टर टाउनशिप में इस एयरशिप में हवा में ही तेज धमाका हुआ था और आग लग गई थी. इस हादसे में करीब 36 लोगों की मौत हो गई थी. ये एक जर्मन एयरशिप था और इसके पीछे नाजी दौर का स्वास्तिक बना हुआ था.
इस हादसे की जांच शुरू हुई, तो पता चला था कि कंपनी ने नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए एयरशिप में क्षमता से अधिक यात्रियों को बैठाया था. करीब 8 दशक पहले की इस घटना में बरती लापरवाही ने नाथन एंडरसन के दिमाग पर गहरा असर डाला और उन्होंने अपनी कंपनी का नाम Hindenburg रखा. कंपनी के प्रोफाइल पर गौर करें, तो ये किसी भी कंपनी में हो रही गड़बड़ी का पता लगाकर उस पर विस्तृत रिपोर्ट तैयार करती थी. रिपोर्ट्स की मानें तो एंडरसन को लगाता था कि कमियों और गड़बड़ियों को पता लगाकर इस तरह के हादसों को रोका जा सकता था. इसके बाद उन्होंने कंपनियों में गड़बड़ियों पर रिसर्च करने का मन बना लिया.
क्या है हिंडनबर्ग रिसर्च? साल 2017 में नाथन एंडरसन ने Hindenburg की शुरुआत की थी. हिंडनबर्ग एक अमेरिकी शॉर्ट सेलर फर्म है. शॉर्ट सेलिंग के जरिए ये अरबों रुपये की कमाई करती है, जो कि एक ट्रेडिंग या इन्वेस्टमेंट स्ट्रेटजी है. इसमें कोई व्यक्ति किसी खास कीमत पर स्टॉक या सिक्योरिटीज खरीदता है और फिर कीमत ज्यादा होने पर उसे बेच देता है, जिससे उसे जोरदार फायदा होता है. साथ ही इसमें ब्रोकर्स से उधार शेयर लेकर भी दूसरी जगह निवेश किया जाता है.
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