
एक के बदले इजरायल ने ली 4200 फिलिस्तीनियों की जान, गाजा में मौत का आंकड़ा 50,000 के पार पहुंचा
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बेंजामिन नेतन्याहू की इजरायली सेना की तरफ से हमास को खत्म करने के उद्देश्य से शुरू की गई जंग जारी है. हालांकि इस जंग में हमास का खात्मा नहीं हो पाया, लेकिन फिलिस्तीन में हजारों मासूमों की जान चली गई. संघर्ष में इजरायली मौतों के मुकाबले फिलिस्तीनी मौतों की संख्या कहीं ज्यादा है, जिससे गाजा में मानवता पर गंभीर सवाल खड़े होते हैं.
हमास का खात्मा करने की मकसद से शुरू हुई बेंजामिन नेतन्याहू की जंग 18 महीने बाद भी जारी है. इस जंग में हमास का खात्मा तो नहीं हो सका, लेकिन हजारों फिलिस्तीनियों की जान चली गई. अगर आंकड़े देखें तो पता चलता है कि नेतन्याहू की सेना ने एक इजरायली की मौत के बदले 4200 फिलिस्तीनियों की जान ली है. ये सिर्फ आधिकारिक तौर पर पुष्टि किए गए मौतों के आंकड़े हैं, जबकि असल संख्या की गणना करना कहा जाता है कि मुश्किल है.
ताजा आंकड़े बताते हैं कि गाजा में डेढ़ साल की जंग के दौरान बच्चों-महिलाओं समेत 50,000 से ज्यादा लोगों की मौत हुई है. दो महीने की आंशिक शांति के बाद इजरायल ने संघर्ष विराम को प्रभावी रूप से समाप्त कर, मंगलवार को हमास के खिलाफ एक बड़ा एयर और ग्राउंड अटैक शुरू किया था. इसकी वजह से गाजा के लोगों को एक बार फिर से पलायन के लिए मजबूर होना पड़ा है.
उत्तरी, मध्य और दक्षिणी गाजा में इजरायली सेना ने रविवार सुबह को भी भारी बमबारी की. यह हमला उनसे भी बड़ा था, जो नेतन्याहू की सेना ने संघर्ष विराम को समाप्त करते हुए गाजा पर अटैक किया था. इस ताजा हमले में रफाह और खान युनिस पर इजरायली हमलों में कम से कम 30 फिलिस्तीनी मारे गए.
इजरायल ने एक के बदले ली 4200 फिलिस्तीनियों की जान!
जब गाजा से हमास ने 7 अक्टूबर 2023 को हजारों राकेट दागे थे, तब कहा जाता है कि इजरायल में बड़ी तबाही मची थी. तेल अवीव तक हमास के राकेट पहुंचे थे, और इस दौरान देश के अलग-अलग हिस्से में सैकड़ों लोगों की जान चली गई थी. बाद में इजरायली शासन ने मौतों के आंकड़े जारी किए और बताया कि हमास के राकेट अटैक में 1200 इजरायली नागरिक की मौत हो गई. इनके अलावा कमोबेश 300 लोगों को बंधक बना लिया गया था, जिनमें कई मारे गए, कई को रिहा कर दिया गया और कई अब भी हमास की कैद में हैं.
अब अगर गाजा और इजरायल दोनों के मौतों के आंकड़े देखें और यह जानने की कोशिश करें कि एक इजरायली नागरिक की मौत के बदले इजरायली सेना ने कितने गाजावासियों की जान ली, तो यह आंकड़ा कमोबेश 4200 तक पहुंच जाता है [गाजा में कुल मौतें (50,000)/इजरायल में कुल मौतें (1200)].

जय स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी में हेल्थ पॉलिसी के प्रोफेसर हैं, नेशनल ब्यूरो ऑफ इकनॉमिक्स रिसर्च में एक रिसर्चर एसोसिएट हैं और स्टैनफोर्ड इंस्टीट्यूट फॉर इकनॉमिक पॉलिसी रिसर्च, स्टैनफोर्ड फ्रीमैन स्पोगली इंस्टीट्यूट और हूवर इंस्टीट्यूशन में एक वरिष्ठ फेलो हैं. वह स्टैनफोर्ड के सेंटर फॉर डेमोग्राफी एंड इकोनॉमिक्स ऑफ हेल्थ एंड एजिंग को निर्देशित करते हैं.

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