
'मुर्दा नहीं बनना चाहते...', Hamas के खिलाफ गाजा में फिलिस्तीनी नागरिकों की रैली, गुस्साई भीड़ ने कहा- न युद्ध चाहिए, न हमास
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हमास के विरोध में भारी संख्या में गाजा की सड़कों पर निकले लोगों का कहना है कि हमें न युद्ध चाहिए और न ही हमास. हमें शांति से जीना है. सफेद झंडे लहराते हुए इन लोगों ने शांति की मांग की है.
इजरायल और हमास की जंग के बीच अब हजारों फिलिस्तीनी नागरिकों ने मोर्चा संभाल लिया है. मोर्चा हमास को गाजा से खदेड़ने का. पहली बार गाजा में लोगों ने हमास के विरोध में रैली निकाली और नारेबाजी करते हुए उन्हें गाजा छोड़ने का अल्टीमेटम दे दिया.
हमास के विरोध में भारी संख्या में गाजा की सड़कों पर निकले लोगों का कहना है कि हमें न युद्ध चाहिए और न ही हमास. हमें शांति से जीना है. सफेद झंडे लहराते हुए इन लोगों ने शांति की मांग की है.
इस प्रदर्शन के वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं. इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने 'बाहर निकलो, बाहर निकलो, हमास बाहर निकलो' और 'हम जीना चाहते हैं', के नारे लगाए. ऐसे में कहा जा रहा है कि यह हमास का अंत है और उसका अंत नजदीक है.
बता दें कि सात अक्टूबर 2023 को हमास ने इजरायल पर हमला कर दिया था, जिसमें 1200 इजरायली नागरिकों की मौत हो गई थी जबकि कई लोगों को अगवा कर लिया गया था. इसके बाद शुरू हुए इजरायल और हमास के युद्ध में अब तक पचास हजार से ज्यादा मौतें हो चुकी हैं. गाजा तबाह हो चुका है. लोग युद्ध से थक चुके हैं और शांति से जीवन गुजर-बसर करना चाहते हैं.
इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने बार-बार कहा है कि इस युद्ध का मकसद हमास का खात्मा करना है, और इस संगठन को एक प्रशासनिक इकाई के रूप में नष्ट करना है. हालांकि, अब उनका कहना है कि इस नए अभियान का मकसद समूह को बचे हुए बंधकों को छोड़ने के लिए मजबूर करना है.
हमास ने आरोप लगाया है कि इजरायल ने जनवरी के संघर्ष विराम समझौते की शर्तों को तोड़ा है, क्योंकि वो युद्ध को समाप्त करने और गाजा से अपने सैनिकों की वापसी और वार्ता शुरू करने में विफल रहा है. हमास ने कहा कि वे अब भी बातचीत के लिए तैयार हैं और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के विशेष दूत, स्टीव विटकॉफ की द्वारा तैयार किए गए "समझौते प्रस्तावों" पर विचार कर रहे हैं.

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