इम्तियाज अली ने बताया फिल्म में क्यों दिखाईं चमकीला की कमियां, बोले 'वो साफ-सुथरे आदमी नहीं थे'
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इम्तियाज ने कहा कि उन्हें फिल्म में चमकीला की खामियां दिखाना इसलिए भी जरूरी लगा क्योंकि अगर उनकी छवि को साफ किया जाता तो वो रिलेटेबल ही नहीं लगते. इम्तियाज ने कहा कि वो चमकीला को एक इंसान के तौर पर दिखाना चाहते थे. ऑडियंस से उन्हें पॉजिटिव-नेगेटिव दोनों तरह का रिस्पॉन्स मिलता था.
डायरेक्टर इम्तियाज अली की फिल्म 'चमकीला' को जनता से बहुत पॉजिटिव रिएक्शन मिला है. दिलजीत दोसांझ और परिणीति चोपड़ा की फिल्म, पंजाबी सिंगर अमर सिंह चमकीला की बायोपिक है. 1988 में चमकीला, उनकी सिंगिंग पार्टनर और दूसरी पत्नी अमरजोत कौर और उनकी टीम के दो और सदस्यों की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी.
नेटफ्लिक्स पर स्ट्रीम हो रही 'चमकीला' शुरुआत से ही, कथित तौर से उनपर लगे इस आरोप के साथ आगे बढ़ती है कि उनके गानों के बोल अश्लील थे. फिल्म में चमकीला की दूसरी शादी का मामला भी दिखाया गया है, लेकिन बिना इस तरह का शेड दिए कि ये सही था या गलत.
बायोपिक्स में अक्सर ऐसा होता है कि फिल्म के लीड किरदार की इमेज को साफ करने की कोशिश नजर आती है. मगर इम्तियाज 'चमकीला' में अपने मुख्य किरदार को हीरो नहीं बनाते बल्कि उसकी जिंदगी के सारे शेड्स को दिखाते हैं. अब इम्तियाज ने बताया है कि उन्होंने फिल्म में अमर सिंह चमकीला को ग्लोरिफाई करने की कोशिश क्यों नहीं की.
इम्तियाज ने क्यों दिखाई चमकीला की कमियां इम्तियाज ने कहा है कि उन्होंने बायोपिक बनाने के बारे में कभी सोचा ही नहीं था. मगर चमकीला की कहानी में बहुत कुछ ऐसा था जो उन्हें लगा कि ऑडियंस से छुपाया गया है. इम्तियाज ने मिड डे के साथ एक बातचीत में कहा, 'किसी की जिंदगी दिखाते हुए पूरी लिबर्टी मिलनी चाहिए- फैक्ट्स बदलने की नहीं, बल्कि उनके सारे पहलू दिखाने की. अगर आप ये नहीं दिखाते कि उन्होंने जिंदगी में क्या गलतियां कीं, तो उन्हें ग्लोरिफाई करने का क्या फायदा? मुझे वो बायोपिक नहीं पसंद आतीं जो उस आदमी को बेहद ग्लोरिफाई करती हैं, जिसकी वो कहानी हैं. ये बहुत बोरिंग हो जाता है.'
चमकीला की खूबियों पर भी बोले इम्तियाज इम्तियाज ने कहा कि वो चमकीला को एक इंसान के तौर पर दिखाना चाहते थे. ऑडियंस से उन्हें पॉजिटिव-नेगेटिव दोनों तरह का रिस्पॉन्स मिलता था. इम्तियाज ने बताया, 'मैं उन्हें एकदम साफ-सुथरा आदमी नहीं दिखाना चाहता था, जो कि वो थे भी नहीं. ऐसा इसलिए क्योंकि मुझे उनकी कुछ स्वाभाविक खूबियां पता थीं, जिनपर मुझे पूरा भरोसा था. वो एक स्टार की तरह नहीं थे, बल्कि जनता के सेवक की तरह थे. वो बहुत विनम्र आदमी थे, सबसे वंचित बैकग्राउंड से आते थे. उन्होंने कभी नखरे नहीं दिखाए. जो भी किसी ने उन्हें कहा उन्होंने किया. और उन्होंने अपनी जान भी ऐसे ही गंवाई क्योंकि वो जनता को इनकार नहीं कर सके. वो इस तरह के आदमी थे और हम ये बात समझते हैं. उनमें भी कमियां थीं.'
इम्तियाज ने कहा कि उन्हें फिल्म में चमकीला की खामियां दिखाना इसलिए भी जरूरी लगा क्योंकि अगर उनकी छवि को साफ किया जाता तो वो रिलेटेबल ही नहीं लगते. उन्होंने कहा, 'कभी कभी किसी किरदार की कमियां और रेगुलर न होना ही उन्हें जनता का चहेता बनाता है. तब लोगों को समझ आता है कि ये आदमी भी ह्यूमन है, इसलिए वो उससे रिलेट कर पाते हैं और उसका सपोर्ट कर पाते हैं.'
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