'आपकी असली पीड़ा समझ सकता हूं', आम्बेडकर को लेकर केजरीवाल की चिट्ठी पर JDU नेता संजय झा का पलटवार
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जद (यू) के कार्यकारी अध्यक्ष संजय झा ने केजरीवाल के पत्र का जवाब देते हुए उन्हें याद दिलाया कि नीतीश कुमार ने महादलित समुदाय से आने वाले जीतन राम मांझी को बिहार का सीएम बनाया था. उन्होंने आरोप लगाया कि अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देते समय किसी दलित को सीएम नहीं बनाया और न ही पंजाब में एक दलित को डिप्टी सीएम बनाने का अपना चुनाव का वादा निभाया.
दलितों के आइकन बाबा साहेब भीमराव आम्बेडकर के मुद्दे पर भाजपा और विपक्षी दलों के बीच जारी खींचतान के बीच, जनता दल (यूनाइटेड) ने शुक्रवार को आम आदमी पार्टी पर पलटवार किया है. AAP के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को पत्र लिखकर, गृह मंत्री अमित शाह के संसद में आम्बेडकर पर दिए बयान पर विचार करने की सलाह दी थी. अरविंद केजरीवाल ने नीतीश कुमार को लिखे अपने पत्र में कहा था, 'बीजेपी ने संसद में बाबा साहेब का अपमान किया है. लोगों को लगता है कि जो लोग बाबा साहेब को प्यार करते हैं, वे बीजेपी का समर्थन नहीं कर सकते. आपको भी इस बारे में सोचना चाहिए.'
जद (यू) के कार्यकारी अध्यक्ष संजय झा ने केजरीवाल के पत्र का जवाब देते हुए उन्हें याद दिलाया कि नीतीश कुमार ने महादलित समुदाय से आने वाले जीतन राम मांझी को बिहार का सीएम बनाया था. उन्होंने आरोप लगाया कि अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देते समय किसी दलित को सीएम नहीं बनाया और न ही पंजाब में एक दलित को डिप्टी सीएम बनाने का अपना चुनाव का वादा निभाया.
अमित शाह ने आम्बेडकर मुद्दे पर कांग्रेस की कलई खोली: JDU
संजय झा ने अपने पत्र में लिखा, 'अरविंद केजरीवाल जी, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को लिखा गया आपका पत्र मैंने पढ़ा. आपकी असली पीड़ा मैं समझ सकता हूं. आपका दर्द यह है कि उस दिन सदन में आपके गठबंधन के नेता राहुल गांधी, उनकी पार्टी और उनके परिवार की कलई खुल रही थी. सच से पर्दा हट रहा था. कांग्रेस ने पूज्य बाबा साहब भीमराव आंबेडकर, उनकी सोच और संविधान के साथ जो किया वह सच पूरे देश के सामने आ रहा था. देश के गृह मंत्री अमित शाह जी ने उस दिन इतिहास के वो पन्ने पलटे, जो आप और आपके गठबंधन के नेता राहुल गांधी नहीं देखना चाहते हैं. अमित शाह ने देश को बताया कि किस तरह से दलितों और महिलाओं की उपेक्षा से आहत होकर बाबा साहब को नेहरू की कैबिनेट से इस्तीफा देना पड़ा था. मैं समझ सकता हूं इस तरह की बातों पर चर्चा, आप और आपके गठबंधन के नेता राहुल गांधी को कतई पसंद नहीं आई होगी.'
यह भी पढ़ें: 'पूर्वांचली वोटरों के नाम मतदाता सूची से कटवाए जा रहे...', केजरीवाल का BJP पर गंभीर आरोप, देखें उन्होंने लिखा, 'अमित शाह ने देश को बताया कि जब बाबा साहब चुनाव लड़े, तो पंडित नेहरू ने न सिर्फ उनके खिलाफ प्रचार किया बल्कि उनको चुनाव हरवाने में कोई कसर नहीं छोड़ी. अंततः बाबा साहब ने चुनावी राजनीति से दूरी बना ली. आपको याद दिलाना चाहूंगा कि कांग्रेस पार्टी और उसके नेताओं ने बाबा साहब के साथ जो दुर्व्यवहार किया वह अक्षम्य है. 1955 में पंडित नेहरू ने खुद को भारत रत्न दिया. 1971 में इंदिरा गांधी ने खुद को भारत रत्न दिया. जबकि बाबा साहब को भारत रत्न मिलने में चार दशक से ज्यादा लग गए. उनको यह सम्मान 1990 में तभी मिला, जब कांग्रेस को इस देश की जनता ने सत्ता से बाहर कर दिया. जनता दल की उस सरकार में मेरे नेता और जनता दल यूनाइटेड के अध्यक्ष और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार मंत्री हुआ करते थे. और उन्होंने यह मांग रखी थी कि बाबा साहब डॉ. भीमराव आम्बेडकर को भारत रत्न से नवाजा जाए. नीतीश कुमार ने बाबा साहब के पदचिन्हों पर चलते हुए बिहार में, दलितों और पिछड़ों के लिए जो किया है; आप और आपके गठबंधन के नेता राहुल गांधी उसे करने की कल्पना भी नहीं कर सकते. बिहार में 1990 तक कांग्रेस पार्टी लगातार सत्ता में रही और 1990 से लेकर 2005 तक आरजेडी के साथ सत्ता की मलाई खाती रही. मगर बिहार में पंचायती राज व्यवस्था में दलितों और अति पिछड़ों को आरक्षण तब मिला जब नीतीश कुमार मुख्यमंत्री बने. तब कहां गया था आपके गठबंधन के नेता और उनकी पार्टी की संविधान के प्रति आस्था और बाबा साहब के प्रति प्रेम.'
केजरीवाल ने दलितों को उनके अधिकारों से दूर रखा: JDU
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