![अध्यात्म और लग्जरी का संगम है महाकुंभ में बनी ये 'डोम सिटी', जानिए कितना है एक रात का किराया...](https://akm-img-a-in.tosshub.com/aajtak/images/story/202501/677cfe3181906-mahakumbh-2025-dome-city-set-up-for-the-first-time-at-maha-kumbh-071259963-16x9.jpg)
अध्यात्म और लग्जरी का संगम है महाकुंभ में बनी ये 'डोम सिटी', जानिए कितना है एक रात का किराया...
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संगम नगरी में 13 जनवरी से शुरू हो रहे महाकुंभ में श्रद्धालुओं और पर्यटकों को एक अनोखा अनुभव देने के लिए 'डोम सिटी' बनाई गई है. ये भारत की पहली डोम सिटी है, जहां लक्जरी और आध्यात्मिकता का संगम देखने को मिलेगा.
संगम नगरी में 13 जनवरी से शुरू हो रहे महाकुंभ में श्रद्धालुओं और पर्यटकों को एक अनोखा अनुभव देने के लिए 'डोम सिटी' बनाई गई है. ये भारत की पहली डोम सिटी है, जहां लक्जरी और आध्यात्मिकता का संगम देखने को मिलेगा.
क्या है डोम सिटी का खास? डोम सिटी में 44 बुलेटप्रूफ और फायरप्रूफ पारदर्शी डोम बनाए गए हैं. इन डोम्स की छत रिमोट से ऑपरेट होती है, जिससे आप रात में आसमान के चमचमाते तारों का नजारा ले सकते हैं. हर डोम को खूबसूरती से सजाया गया है, जिसमें आधुनिकता और आध्यात्मिकता का अनूठा मेल नजर आता है.
लाखों में ठहरने का खर्च डोम सिटी में रुकने का अनुभव किसी फाइव-स्टार होटल से भी ज्यादा खास है. यहां ठहरने का किराया स्नान पर्व के दिनों में 1,11,000 रुपये प्रति रात है, जबकि अन्य दिनों में 81,000 रुपये प्रति रात है. इसके साथ ही वुडन कॉटेज का किराया 41,000 से 61,000 रुपये तक है.
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क्या-क्या सुविधाएं मिलेंगी? हर डोम में अटैच्ड टॉयलेट और बाथरूम है.ओपन एयर स्पेस, जहां से गंगा और महाकुंभ की गतिविधियों के दर्शन होंगे. साथ ही यज्ञशालाएं, मंदिर, योग करने की जगह है. रोजाना सांस्कृतिक कार्यक्रम और भव्य आरती है.
पहली बार भारत में इग्लू जैसा अनुभव डोम सिटी का कॉन्सेप्ट बर्फीले देशों के इग्लू से प्रेरित है. हालांकि, भारत में यह पहली बार इतनी भव्यता के साथ लाया गया है. हर डोम 15 फीट ऊंचाई पर बनाया गया है, जिससे हर दिशा का बेहतरीन व्यू मिलता है. इसे गोलाकार आकार में फाइबर की सीट से तैयार किया जाता है. जबरदस्त ठंड से बचाने में यह काफी कारगर साबित होता है. भारत में चुनिंदा हिल स्टेशन पर इक्का-दुक्का डोम बनाए गए हैं. प्रयागराज महाकुंभ में एक साथ चौवालीस डोम और उनके साथ तकरीबन पौने दो सौ वुडन कॉटेज की अलग सिटी बसाई जा रही है.
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प्रयागराज में माघ पूर्णिमा के अवसर पर करीब 2 करोड़ श्रद्धालुओं ने संगम में आस्था की डुबकी लगाई. इस दौरान शासन-प्रशासन हर मोर्चे पर चौकस रहा. योगी आदित्यनाथ ने सुबह 4 बजे से ही व्यवस्थाओं पर नजर रखी थी. श्रद्धालुओं की भारी भीड़ के कारण ट्रेनों और बसों में यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ा. देखें.
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हिंदू पंचांग के अनुसार माघ मास में शुक्ल पक्ष का 15वीं तिथि ही माघ पूर्णिमा कहलाती है. इस दिन का धार्मिक, आध्यात्मिक और सांस्कृतिक दृष्टि से खास महत्व है और भारत के अलग-अलग हिस्सों में इसे श्रद्धा और भक्ति के साथ मनाया जाता है. लोग घरों में भी कथा-हवन-पूजन का आयोजन करते हैं और अगर व्यवस्था हो सकती है तो गंगा तट पर कथा-पूजन का अलग ही महत्व है.