'अगर हमारी सुरक्षा के लिए खतरा पैदा किया तो...', ईरान के सुप्रीम लीडर ने दे दी डोनाल्ड ट्रंप को चेतावनी
AajTak
ईरान के सुप्रीम लीडर आयतुल्लाह अली खामेनी ने अमेरिकी धमकियों के खिलाफ चेतावनी दी है, जिसमें उन्होंने अमेरिका की सुरक्षा को खतरा देने की बात कही है. खामेनेई ने गाजा की आबादी को दूसरे देशों में शिफ्ट करने के ट्रंप के प्रस्ताव का हवाला देते हुए कहा,
ईरान के सुप्रीम लीडर आयतुल्लाह अली खामेनेई ने शुक्रवार को अमेरिकी धमकियों का विरोध करते हुए कहा कि अगर अमेरिका अपनी धमकियों को अमल में लाता है, तो ईरान भी उन्हें जवाब देगा. खामेनेई ने कहा, "अगर अमेरिका हमारे देश की सुरक्षा में बाधा डालता है, तो हम उनकी सुरक्षा में भी बाधा डालेंगे." खामेनेई ने इससे पहले ट्रंप के बातचीत के प्रस्ताव पर कहा, "अमेरिका के साथ बातचीत करना न तो समझदारी है, न बुद्धिमानी, न ही सम्मानजनक."
खामेनेई की चेतावनी ऐसे समय में आई है, जब डोनाल्ड ट्रंप ने गाजा को कब्जाने और यहां की आबादी को दूसरे देश में शिफ्ट करने का प्रस्ताव पर नेतन्याहू के साथ चर्चा की है. उन्होंने ईरान के साथ भी बातचीत करने की अपनी मंशा जाहिर की थी.
यह भी पढ़ें: ट्रंप ने गाजा में संघर्ष विराम के लिए नेतन्याहू को एक पल में कैसे मनाया? सामने आई सच्चाई
आयतुल्लाह खामेनेई ने स्पष्ट किया कि अगर अमेरिका ईरान पर हमला करता है, तो ईरान भी उसी तरह से जवाब देगा. "अगर वे हमारी सुरक्षा को खतरा देते हैं, तो हम भी उनकी सुरक्षा के लिए खतरा पैदा करेंगे. अगर वे अपनी धमकियों को वास्तविकता में बदलते हैं, तो हम भी वही करेंगे."
कागज पर दुनिया का नक्शा बदल रहा अमेरिका!
ट्रंप के प्रस्ताव का हवाला देते हुए, जिसमें गाजा के फिलिस्तीनी लोगों को पड़ोसी अरब देशों में मजबूरन शिफ्ट करने की बात कही गई थी, खामेनेई ने कहा, "अमेरिका बैठकर कागज पर दुनिया का नक्शा बना रहा है! लेकिन यह सिर्फ कागज पर है और इसका वास्तविकता से कोई संबंध नहीं है."
अमेरिका ने भारतीय अवैध प्रवासियों को सी-17 ग्लोबमास्टर सैन्य विमान से वापस भेजा. प्रवासियों ने दुर्व्यवहार के आरोप लगाए. हथकड़ी और बेड़ियों से हाथ-पैर सूजे. शौचालय जाने की अनुमति नहीं दी गई. अमेरिका ने मानवाधिकारों का उल्लंघन किया. डोनाल्ड ट्रंप के आदेश पर सेना को निर्वासन की जिम्मेदारी दी गई. एक व्यक्ति को वापस भेजने पर ₹5,00,000 खर्च किए गए. अमेरिका दुनिया को कड़ा संदेश देना चाहता है. कई देशों ने इसे संप्रभुता के खिलाफ माना है.
भारत की चार सरहदों पर तीन मुल्क हैं. तीन में से दो मुल्क मजहबी दहशतगर्दी की आग में धधक रहे हैं. एक तरफ पाकिस्तान है जो दशकों से आतंकवाद और कट्टरपंथ की स्टेट पॉलिसी पर चल रहा है. अब उसी रास्ते पर बांग्लादेश भी बढ़ता दिख रहा है. क्योंकि ढाका में कल उस बंगबंधु शेख मुजीबुर्रहमान की बची खुची यादों को फूंक डाला गया जिन्होंने पाकिस्तान की दहशतर्दी के खिलाफ जंग लड़ी थी और बांग्लादेश को जम्हूरियत के रास्ते पर आगे बढ़ाया था.
पाकिस्तान की एक अदालत ने प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और उनके बेटे पंजाब (पाकिस्तान) के पूर्व मुख्यमंत्री हमजा शहबाज को रमजान शुगर मिल्स भ्रष्टाचार मामले में बरी कर दिया है. वही शिकायतकर्ता जुल्फिकार अली ने न्यायाधीश से कहा कि उन्होंने न तो शरीफ के खिलाफ शिकायत दर्ज की है. और न ही उन्हें उस आवेदन के बारे में कुछ पता है जिस पर कोर्ट में मामला शुरू किया गया था.
बांग्लादेश की राजधानी ढाका में हिंसा भड़क उठी है. शेख मुजीबुर्रहमान के घर को आग लगा दी गई और पूरा घर खाक हो गया. यह घटना आवामी लीग के प्रदर्शन से ठीक एक दिन पहले हुई. धानमंडी इलाके में बंगबंधु मुजीबुर्रहमान के घर पर हमला किया गया, जिसे संग्रहालय में बदल दिया गया था. हमलावर बुलडोजर लेकर पहुंचे और घर को आग के हवाले कर दिया. इस बीच, आज के प्रदर्शन को देखते हुए हजारों आवामी लीग समर्थकों और नेताओं को गिरफ्तार किया गया है. VIDEO