'मोदी जी और ट्रंप तो बहुत अच्छे दोस्त हैं...', हथकड़ियों में जकड़कर भेजे गए भारतीयों को लेकर सरकार पर हमलावर विपक्ष
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कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी ने कहा कि बहुत बातें की गई कि मोदी जी और ट्रंप जी बहुत अच्छे दोस्त हैं. फिर मोदी जी ने ऐसा क्यों होने दिया? क्या इंसानों के साथ ऐसा व्यवहार किया जाता है कि उनको हथकड़ियां और बेड़ियां पहनाकर भेजा जाए? ये कोई तरीका है. प्रधानमंत्री को जवाब देना चाहिए.
अमेरिका से डिपोर्ट कर भारत भेजे गए अवैध प्रवासियों के मुद्दे पर सड़क से संसद तक घमासान मचा हुआ है. विपक्षी सांसद हथकड़ियां पहनकर इसके खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं. इस बीच कई विपक्षी सांसदों ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दोस्ती का जिक्र कर घटना की निंदा की.
कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी ने कहा कि बहुत बातें की गई कि मोदी जी और ट्रंप जी बहुत अच्छे दोस्त हैं. फिर मोदी जी ने ऐसा क्यों होने दिया? क्या इंसानों के साथ ऐसा व्यवहार किया जाता है कि उनको हथकड़ियां और बेड़ियां पहनाकर भेजा जाए? ये कोई तरीका है. प्रधानमंत्री को जवाब देना चाहिए.
इसी तरह समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि ये सपना दिखा रहे थे भारत विश्वगुरू बन गया है पर सरकार अब मौन है. अमेरिका ने भारतीयों को बेड़ियां लगाकर दास की तरह भेजा है. विदेश मंत्रालय क्या कर रहा है. सरकार महिलाओं और बच्चों को भी नहीं बचा पाई. सरकार बताएं कि ये लोग भारत छोड़कर क्यों गए थे?
अमेरिका से डिपोर्ट होने के बाद वापस लौटे भारतीयों के परिजन प्रधानमंत्री मोदी से अमेरिका से बात करने की अपील कर रहे हैं, जिस पर हरियाणा के कैबिनेट मंत्री अनिल विज ने कहा कि किसी भी देश के पास अवैध रूप से रह रहे लोगों को डिपोर्ट करने का अधिकार है. ट्रंप ने कोई गलती नहीं की. हमें भी अपने देश में अवैध रूप से रह रहे लोगों को उनके देश वापस भिजवाने के बारे में सोचकर नीति बनानी चाहिए.
बीजेपी सांसद मनीष तिवारी ने कहा कि जो लोग भारत भेजे गए हैं, वो लोग कोई क्रिमिनल नहीं है जो उनके साथ अमानवीय बर्ताव किया गया. वे लोग कोई अपराधी नहीं है. ये लोग अपनी जिंदगी बेहतर बनाने के लिए अमेरिका गए थे. अगर बाहर निकालना था तो कानूनी प्रक्रिया अमेरिका को अपनानी चाहिए थी. अगर वापस भेजा भी तो कम के कम मानवीय बर्ताव करना चाहिए था. हथकड़ी लगाकर क्यों भेजा?
बता दें कि कांग्रेस और समाजवादी पार्टी सहित विपक्ष के तमाम नेता संसद के मकर द्वार के सामने प्रोटेस्ट किया. इस दौरान विपक्षी सांसदों ने हथकड़ियां पहनी.
इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू अमेरिका के दौरे पर हैं. इस बीच अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने उन रिपोर्ट् का खंडन किया है जिनमें कहा जा रहा है कि अमेरिका 'ईरान के टुकड़े-टुकड़े करने के लिए' इजरायल के साथ मिलकर काम कर रहा है. दावों को खारिज करते हुए ट्रंप ने कहा कि ऐसी अटकलें 'बहुत बढ़ा-चढ़ाकर पेश की गई' हैं.
कहा जाता है कि मिलर का व्हाइट हाउस में बड़ा रुतबा है. वह अब राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार और नीतिगत मामलों के डिप्टी डायरेक्टर हैं. ट्रंप ने जब कार्यकारी आदेशों पर हस्ताक्षर किए थे तब वहां मिलर भी मौजूद थे. बता दें कि इस आदेश में ट्रंप ने जन्मसिद्ध नागरिकता को खत्म करने और मैक्सिको सीमा पर सख्ती करने समेत कई फैसले लिए थे.
अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने तेजी दिखाते हुए अपने सबसे बड़े ट्रेडिंग पार्टनर मेक्सिको और कनाडा पर प्रतिबंध तो लगा दिया लेकिन वे 24 घंटे में ही पीछे हट गए. यहां सवाल अरबों डॉलर अमेरिकी बिजनेस का था. अगर अमेरिका इस टैरिफ पर कायम रहता तो उसके अंतर्राष्ट्रीय व्यापार को अरबों डॉलर की चोट लग सकती थी साथ ही अमेरिका में महंगाई भी बढ़ सकती थी. फिलहाल अमेरिका इस टैरिफ युद्ध से पीछे हट गया है.