'दोनों देशों के बीच अटूट दोस्ती...', PAK के राष्ट्रपति जरदारी से मुलाकात के बाद बोले शी जिनपिंग
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चीन पहुंचे पाकिस्तान के राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी के साथ उपप्रधानमंत्री और विदेश मंत्री इशाक डार और गृह मंत्री नकवी सहित अन्य अधिकारी भी हैं. जरदारी उन चार नेताओं में शामिल हैं, जिन्हें चीन ने हार्बिन में 9वें एशियन विंटर गेम्स में हिस्सा लेने के लिए बुलाया था.
पाकिस्तान (Pakistan) के राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी चीन के दौरे पर हैं. चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने बुधवार को जरदारी के साथ बातचीत की. इस दौरान उन्होंने कहा, "चीन और पाकिस्तान ने एक-दूसरे को राजनीतिक समर्थन दिया है, दोनों के बीच 'अटूट' दोस्ती है.
आधिकारिक मीडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, शी जिनपिंग ने कहा कि चीन और पाकिस्तान के बीच अटूट दोस्ती है और वे हर मौसम में रणनीतिक सहयोगी साझेदार हैं. चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (CPEC) के निर्माण को आगे बढ़ाया है और कई सेक्टर्स में सहयोग किया है.
चीन इस बात के लिए है चिंतित
चीन के शिनजियांग को पाकिस्तान के ग्वादर बंदरगाह से जोड़ने वाली 60 बिलियन अमेरिकी डॉलर की सीपीईसी को पाकिस्तान के नेताओं ने गेम चेंजर बताया है, लेकिन इस प्रोजेक्ट की वजह से दोनों देशों के बीच तनाव भी पैदा हुआ है क्योंकि चीन सीपीईसी परियोजनाओं पर काम कर रहे चीनी नागरिकों पर बलूचिस्तान और इस्लामी कट्टरपंथियों द्वारा बार-बार किए जा रहे हमलों को लेकर चिंतित है.
इससे पहले, मंगलवार को पांच दिवसीय यात्रा पर यहां पहुंचे जरदारी ने नेशनल पीपुल्स कांग्रेस की स्थायी समिति के अध्यक्ष झाओ लेजी से मुलाकात की. पाकिस्तान की सरकारी समाचार एजेंसी APP ने बताया कि दोनों नेताओं ने चीन-पाकिस्तान संबंधों की आधारशिला के रूप में रणनीतिक आपसी विश्वास को रेखांकित किया.
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इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू अमेरिका के दौरे पर हैं. इस बीच अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने उन रिपोर्ट् का खंडन किया है जिनमें कहा जा रहा है कि अमेरिका 'ईरान के टुकड़े-टुकड़े करने के लिए' इजरायल के साथ मिलकर काम कर रहा है. दावों को खारिज करते हुए ट्रंप ने कहा कि ऐसी अटकलें 'बहुत बढ़ा-चढ़ाकर पेश की गई' हैं.
कहा जाता है कि मिलर का व्हाइट हाउस में बड़ा रुतबा है. वह अब राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार और नीतिगत मामलों के डिप्टी डायरेक्टर हैं. ट्रंप ने जब कार्यकारी आदेशों पर हस्ताक्षर किए थे तब वहां मिलर भी मौजूद थे. बता दें कि इस आदेश में ट्रंप ने जन्मसिद्ध नागरिकता को खत्म करने और मैक्सिको सीमा पर सख्ती करने समेत कई फैसले लिए थे.
अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने तेजी दिखाते हुए अपने सबसे बड़े ट्रेडिंग पार्टनर मेक्सिको और कनाडा पर प्रतिबंध तो लगा दिया लेकिन वे 24 घंटे में ही पीछे हट गए. यहां सवाल अरबों डॉलर अमेरिकी बिजनेस का था. अगर अमेरिका इस टैरिफ पर कायम रहता तो उसके अंतर्राष्ट्रीय व्यापार को अरबों डॉलर की चोट लग सकती थी साथ ही अमेरिका में महंगाई भी बढ़ सकती थी. फिलहाल अमेरिका इस टैरिफ युद्ध से पीछे हट गया है.