
ICC पर बैन, WHO से आउट अमेरिका, UN को घुड़की... ग्लोबल संस्थाओं पर दबाव से क्या हासिल करना चाहते हैं ट्रंप?
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अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की 'अमेरिका फर्स्ट' पॉलिसी उस दौर की वापसी चाहती है जब यूएस दुनिया का अकेला चौकीदार था. अमेरिका अपनी मर्जी से वैश्विक संस्थाओं को हांकता था. लेकिन बदले वर्ल्ड ऑर्डर में जब कई देशों और संस्थाओं ने अमेरिकी नीतियों पर सवाल उठाने शुरू किए तो अमेरिका एजेंसियों को उनकी ये स्वायत्तता अखरने लगी. ट्रंप की परेशानी का यही कारण है.
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप सत्ता में आते ही कठोर और आक्रामक विदेश नीति का पालन कर रहे हैं. शपथग्रहण के साथ ही ट्रंप ने जो फाइलें साइन की थी उनमें से एक फाइल थी अमेरिका का विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) से बाहर होने का फैसला. इसके बाद ट्रंप ने कई फैसले लिए जिसमें अमेरिका ने अपनी अंतर्राष्ट्रीय प्रतिबद्धताओं को अलविदा कह दिया और अमेरिकी स्वायत्तता को प्राथमिकता दी.
ट्रंप ने एक के बाद एक फैसले लिए और WHO, UNHRC, UNRWA, पेरिस क्लाईमेट एग्रीमेंट से बाहर हो गए. ताजा फैसले में उन्होंने अंतरराष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय (ICC) पर कई प्रतिबंध लगाए हैं.
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने गुरुवार (6 फरवरी) को अमेरिकी नागरिकों या इजरायल जैसे अमेरिकी सहयोगियों के खिलाफ अंतर्राष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय की जांच में काम करने वाले लोगों पर आर्थिक और यात्रा प्रतिबंध लगाने की अनुमति दी है.
ICC पर ट्रंप ने क्यों लगाया बैन
यह कदम इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू की वाशिंगटन यात्रा के साथ मेल खाता है. बता दें कि ICC ने बेंजामिन नेतन्याहू को वांटेड घोषित कर दिया है. बता दें कि अपने पहले कार्यकाल में भी ट्रंप ने ICC के के अभियोजक Fatou Bensouda पर प्रतिबंध लगाया था. तब ICC ने अफगानिस्तान में युद्ध अपराधों के लिए अमेरिकी सैनिकों के खिलाफ जांच की शुरुआत की थी.
ट्रंप प्रशासन द्वारा लगाए गए प्रतिबंध के बाद अमेरिकी सरकार ने प्रतिबंधित लिस्ट में शामिल व्यक्तियों की संपत्ति जब्त कर सकेगी और उनके परिवारों को अमेरिका आने पर प्रतिबन्ध लगा सकेगी.

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