![ट्रंप का एक ऑफर... और अमेरिका में एक साथ 40 हजार लोगों ने दे दिया इस्तीफा](https://akm-img-a-in.tosshub.com/aajtak/images/story/202502/67a444ab61517-trump-tariff-could-result-in-retaliatory-measures-from-china-and-other-countries-on-us-imports-the-06121089-16x9.png)
ट्रंप का एक ऑफर... और अमेरिका में एक साथ 40 हजार लोगों ने दे दिया इस्तीफा
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ट्रंप के बायआउट ऑफर को स्वीकार करते हुए लगभग 40 हजार कर्मचारियों ने इस्तीफा देने का फैसला किया है. दरअसल ट्रंप प्रशासन ने संघीय कर्मचारियों को बायआउट करने यानी खुद से नौकरी छोड़ने का ऑफर दिया था. इसके लिए 6 फरवरी तक का समय दिया गया था.
डोनाल्ड ट्रंप के अमेरिकी राष्ट्रपति पद की शपथ लेने के बाद से ही देश के भीतर और बाहर उथल-पुथल मची हुई है. ट्रंप ने संघीय सरकार से कर्मचारियों की संख्या कम करने के लिए कवायद शुरू की है. इसके तहत उनकी ओर से कर्मचारियों को दिए गए बायआउट ऑफर को स्वीकार कर लिया गया है.
ट्रंप के बायआउट ऑफर को स्वीकार करते हुए लगभग 40 हजार कर्मचारियों ने इस्तीफा देने का फैसला किया है. दरअसल ट्रंप प्रशासन ने संघीय कर्मचारियों को बायआउट करने यानी खुद से नौकरी छोड़ने का ऑफर दिया था. इसके लिए 6 फरवरी तक का समय दिया गया था.
कार्मिक विभाग की ओर से भेजे गए ईमेल में वर्क फ्रॉम होम करने वाले कर्मचारियों को ऑफिस लौटने के लिए कहा था. इन कर्मचारियों को हफ्ते में 5 दिन ऑफिस से काम करना होगा.
संघीय कर्मचारियों के नौकरी से इस्तीफा देने के बदले कर्मचारियों को आठ महीने का वेतन और निश्चित भत्ता दिया जाएगा. हालांकि, इस्तीफा देने वाले इन कर्मचारियों की संख्या निर्धारित लक्ष्य से कम है.
हालांकि, ट्रंप के इस फैसले का विरोध भी हो रहा है. अमेरिकन फेडरेशन ऑफ गवर्मेंट एंप्लॉइज यूनियन के अध्यक्ष एवरेट केली ने इस फैसले पर नाराजगी जताते हुए कहा कि जो संघीय कर्मचारी ट्रंप के एजेंडे में फिट नहीं बैठते. उन पर नौकरी छोड़ने का दबाव बनाया जा रहा है.
बता दें कि सरकारी आंकड़ों के अनुसाकर अमेरिका में संघीय कर्मचारियों की संख्या 30 लाख से ज्यादा है. इसे अमेरिका की 15वीं सबसे बड़ी वर्कफोर्स बताया जाा रहा है.
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इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू अमेरिका के दौरे पर हैं. इस बीच अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने उन रिपोर्ट् का खंडन किया है जिनमें कहा जा रहा है कि अमेरिका 'ईरान के टुकड़े-टुकड़े करने के लिए' इजरायल के साथ मिलकर काम कर रहा है. दावों को खारिज करते हुए ट्रंप ने कहा कि ऐसी अटकलें 'बहुत बढ़ा-चढ़ाकर पेश की गई' हैं.
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कहा जाता है कि मिलर का व्हाइट हाउस में बड़ा रुतबा है. वह अब राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार और नीतिगत मामलों के डिप्टी डायरेक्टर हैं. ट्रंप ने जब कार्यकारी आदेशों पर हस्ताक्षर किए थे तब वहां मिलर भी मौजूद थे. बता दें कि इस आदेश में ट्रंप ने जन्मसिद्ध नागरिकता को खत्म करने और मैक्सिको सीमा पर सख्ती करने समेत कई फैसले लिए थे.
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अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने तेजी दिखाते हुए अपने सबसे बड़े ट्रेडिंग पार्टनर मेक्सिको और कनाडा पर प्रतिबंध तो लगा दिया लेकिन वे 24 घंटे में ही पीछे हट गए. यहां सवाल अरबों डॉलर अमेरिकी बिजनेस का था. अगर अमेरिका इस टैरिफ पर कायम रहता तो उसके अंतर्राष्ट्रीय व्यापार को अरबों डॉलर की चोट लग सकती थी साथ ही अमेरिका में महंगाई भी बढ़ सकती थी. फिलहाल अमेरिका इस टैरिफ युद्ध से पीछे हट गया है.