Uttara Baokar Passes Away: 'जस्सी जैसी कोई नहीं' फेम एक्ट्रेस उत्तरा बावकर का निधन, लंबे समय से थीं बीमार
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टीवी और फिल्म इंडस्ट्री की सीनियर एक्ट्रेस उत्तरा बावकर का निधन हो गया है. 79 साल की उत्तरा पिछले एक साल से बीमारी से जूझ रही थीं. 11 अप्रैल को उत्तरा ने पुणे के एक अस्पताल में अपनी आखिरी सांस ली. नेशनल अवॉर्ड जीत चुकी एक्ट्रेस ने माधुरी दीक्षित की फिल्म 'आजा नचले' और मोना सिंह के शो 'जस्सी जैसी कोई नहीं' में काम किया था.
टीवी और फिल्म इंडस्ट्री की जानी-मानी एक्ट्रेस उत्तरा बावकर का निधन हो गया है. उत्तरा 79 साल की थीं और पिछले एक साल से बीमारी से जूझ रही थीं. अपनी बीमारी से लड़ाई के बाद उन्होंने पुणे के एक अस्पताल में मंगलवार, 11 अप्रैल को आखिरी सांस ली. बुधवार, 12 अप्रैल को उनका अंतिम संस्कार किया गया था. ये जानकारी एक्ट्रेस के परिवार से जुड़े सूत्र ने दी है.
इंडस्ट्री की मंझी हुई एक्ट्रेस थीं उत्तरा
नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा में उत्तरा बावकर ने अभिनय की बारीकियों को सीखा था. थिएटर के कई बढ़िया नाटकों में उन्होंने काम किया था. इसमें 'मुख्यमंत्री', 'मीना गुर्जरी', शेक्सपियर का लिखा 'ओथेलो' और गिरीश कर्नाड का लिखा 'तुगलक' शामिल है. इन सभी नाटकों में अपने अभिनय से उत्तरा ने एक्टिंग टैलेंट का लोहा मनवाया था. थिएटर में अपने बेहतरीन काम के लिए उन्हें 1984 में संगीत नाटक अकादमी अवॉर्ड भी मिला.
इस फिल्म के लिए मिला था नेशनल अवॉर्ड
फिल्म इंडस्ट्री में उन्हें पहचान डायरेक्टर गोविंद निहलानी की फिल्म 'तमस' ने दिलाई. इसके बाद आई डायरेक्टर मृणाल सेन की फिल्म 'एक दिन अचानक' जिसमें उत्तरा बावकर को एक्ट्रेस शबाना आजमी के साथ देखा गया. इसमें उनकी परफॉरमेंस की खूब सराहना हुई थी. फिल्म में अपने काम के लिए उत्तरा ने बेस्ट सपोर्टिंग एक्ट्रेस का नेशनल फिल्म अवॉर्ड जीता था.
अपने करियर में उत्तरा बावकर ने श्याम बेनेगल और मृणाल सेन जैसे बड़े डायरेक्टर्स के साथ काम किया. उन्हें सरदारी बेगम, कोरा कागज, आजा नचले, हम को दीवाना कर गए, रुकमती की हवेली, थकक्षक और कनेडियन फिल्म द बर्निंग सीजन में देखा गया था. हिंदी के अलावा मराठी सिनेमा का भी उत्तरा जाना-माना नाम रहीं. फिल्म दोघी, वास्तुपुरुष, उत्तरायण, शेवरी, संहिता और हा भारत माजा जैसी फिल्मों का हिस्सा वो रही थीं. माधुरी दीक्षित स्टारर फिल्म आजा नचले में उत्तरा ने उनकी मां का रोल निभाया था.
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