
Tripling Season 3 Review: इमोशन्स-कॉमेडी से भरी है सुमीत व्यास की 'ट्रिपलिंग 3', देती है बड़ी सीख
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वेब सीरीज ट्रिपलिंग अपने सीजन 3 के साथ वापस लौट आई है. इसी के साथ चंदन, चितवन और चंचल की जिंदगी में आ गया है नया ट्विस्ट. तीनों अपने मां-बाप को अलग होने से रोकने में लगे हुए हैं. इमोशन्स और कॉमेडी से भरी जी5 की इस सीरीज में कई ट्विस्ट हैं, जो आपको एंटेरटेन करेंगे. जानने के लिए पढ़िए हमारा रिव्यू.
सुमीत व्यास, अमोल पाराशर और मानवी गागरू का फेमस शो ट्रिपलिंग अपने नए सीजन के साथ वापस आ गया है. इस बार शो में मस्ती-मजे के साथ कुछ जरूरी बातों पर बात की गई है. चंदन, चंचल, चितवन की जिंदगी पहले से काफी अलग हो चुकी है. उनकी अपनी अलग परेशानियां आज भी चल रही हैं. इस बीच उनके आगे एक और सिचुएशन है, जिसे वो चैलेंज समझ रहे हैं.
वापस आ गए चंदन, चंचल और चितवन
ट्रिपलिंग सीजन 3 की शुरुआत होती है चंदन (सुमीत व्यास) के कमरे से. चंदन दो किताबें लिख चुका है और ट्रेडिंग की सलाह देता है. दूसरी तरफ चंचल अपने पति प्रणव के साथ एक बार फिर राजपाठ संभाल रही है. चितवन क्या कर रहा है किसी को नहीं पता. तीनों की मुलाकात एक बार फिर तब होती है जब उनके मां-बाप ऐलान करते हैं कि वो अलग हो रहे हैं. चिन्मय और चारु अपनी-अपनी जिंदगियों में कुछ अलग करना चाहते हैं. दोनों एक दूसरे की प्लान में फिट नहीं हो रहे तो उन्होंने अपनी कहानी को अकेले आगे बढ़ाने का फैसला कर लिया है. लेकिन चंदन, चंचल और चितवन इससे खुश नहीं हैं.
इस सीरीज में तीनों बहन-भाई की मस्ती से ज्यादा इमोशनल डिस्कवरी है. साथ ही आपके सामने कई बड़े सवाल रखे जाते हैं. हम सभी मॉडर्न बनने और दिखने की होड़ में आगे निकले जा रहे हैं. लेकिन जब हमारी जिंदगी में कुछ लोग या कहें हमारे मां-बाप कुछ अलग, कुछ मॉडर्न करने का फैसला करते हैं तो हम उन्हें पीछे क्यों खींचने लगते हैं. 'नहीं आप मां हो यार', 'लेकिन पापा ऐसे कैसे होगा' जैसी बातें उन्हें बोलते हैं. क्या मां-बाप होना अपने बच्चों की जिंदगी होना और मरने तक उनका ख्याल रखना है? क्या वो अपनी-अपनी जिंदगी में जीने के लिए कुछ नहीं कर सकते? और अगर उन्होंने अपने बच्चों को बिना सवाल किए, कुछ भी करने की छूट दी है तो फिर बच्चे उनके कुछ अलग करने से उन्हें पीछे खींचने में क्यों लग जाते हैं?
इमोशन्स से भरी इस रोलर कोस्टर राइड में आपको यही देखने और समझने को मिलेगा. ट्रिप की जगह हाइकिंग ने ले ली है. इस कहानी में कई बढ़िया ट्विस्ट हैं. कॉमेडी और फनी एलिमेंट्स हैं. बहन-भाई के प्यार के साथ-साथ कुछ सीरियस बातें हैं. साथ ही है प्यार. ऐसा प्यार जो शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता. इस प्यार के लिए आपका रिश्ते में होना जरूरी नहीं, ना ही खून से जुड़ा होना जरूरी है. ये वो प्यार है जिसमें 'आप साथ वाले के साथ हंसते हैं और जब वो हंसते है तो आप रोते हैं. क्योंकि वो पल इतना खूबसूरत है.'

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