TATA की इस बड़ी कंपनी में भूचाल, रेखा झुनझुनवाला को झटके में 1000 करोड़ का नुकसान
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Titan Share Fall : टाटा ग्रुप की कंपनी टाइटन के शेयरों में जनवरी-मार्च 2024 तिमाही के नतीजे आने से पहले ही गिरावट का सिलसिला जारी था और सोमवार को इसका स्टॉक 7 फीसदी से ज्यादा फिसलकर बंद हुआ.
टाटा ग्रुप (Tata Group) में जेम्स के तौर पर पहचानी जाने वाली कंपनी टाइटन (Titan) के शेयरों में बीते दो दिनों से लगातार गिरावट का सिलसिला जारी है. सप्ताह के पहले कारोबारी दिन सोमवार को जहां ये 7 फीसदी से ज्यादा फिसलकर बंद हुआ, तो मंगलवार को भी ये लाल निशान पर कारोबार कर रहा है. कंपनी ने बीते दिनों अपने चौथी तिमाही (Titan Q4 Results) के जो नतीजे पेश किए थे, वे शेयर बाजार (Share Market) को रास नहीं आ रहे हैं. मार्च तिमाही में मार्जिन की कमी ने कंपनी के नेट प्रॉफिट की ग्रोथ पर ब्रेक लगाया है. इसके चलते ब्रोकरेज ने टाइटन का टारगेट प्राइस भी घटा दिया है. इसका असर कंपनी के शेयरों में बड़ी गिरावट के रूप में देखने को मिला है. दिवंगत निवेशक राकेश झुनझुनवाला का टाइटन के शेयरों में बड़ा इन्वेस्टमेंट है और शेयर टूटने से उन्होंने तगड़ा घाटा हुआ है.
कल आई थी 7% की बड़ी गिरावट
सबसे पहले बात कर लेते हैं टाइटन के शेयर में आई गिरावट के बारे में, तो बता दें सोमवार को शेयर बाजार में कारोबार के दौरान टाटा ग्रुप की कंपनी टाइटन के शेयर (Titan Share) लाल निशान पर गिरावट के साथ खुले थे. कंपनी का शेयर 3481.35 रुपये के लेवल पर खुलने के बाद बाजार में कारोबार के खत्म होने पर टाइटन शेयर 7.07 फीसदी या 249.90 रुपये फिसलकर 3284 रुपये पर क्लोज हुआ था. वहीं मंगलवार को भी बाजार में गिरावट के बीच टाइटन का शेयर 1 फीसदी से ज्यादा फिसलकर 3229.10 रुपये पर आ गया था.
बीते कुछ दिनों केस जारी है गिरावट
सोमवार को टाइटन के शेयर में बड़ी गिरावट के चलते टाटा ग्रुप की इस कंपनी का मार्केट कैपिटलाइजेशन (Titan Market Cap) गिरकर 2.91 लाख करोड़ रुपये पर आ गया था, तो वहीं मंगलवार की गिरावट के बीच ये और अधिक घटकर 2.88 लाख करोड़ रुपये रह गया. Titan Stock का 52 वीक का हाई लेवल 3886.95 रुपये है, जबकि लो-लेवल 2656.55 रुपये है. जनवरी-मार्च 2024 तिमाही के नतीजे आने से पहले ही इसमें गिरावट का सिलसिला जारी था और बीते पांच दिन में ये करीब 9 फीसदी तक टूटा है. लेकिन, कंपनी के कमजोर तिमाही नतीजों ने इसके शेयर में गिरावट की रफ्तार को और भी तेज कर दिया है.
कैसे रहे टाइटन के तिमाही नतीजे?
स्वास्थ्य बीमा पर 18% जीएसटी से मध्यम वर्ग परेशान है. सरकारी अस्पतालों में सुविधाओं की कमी के कारण लोग निजी अस्पतालों का रुख करते हैं. महंगे इलाज से बचने के लिए हेल्थ इंश्योरेंस लेते हैं, लेकिन प्रीमियम पर भारी टैक्स लगता है. जीएसटी काउंसिल की बैठक में राहत की उम्मीद थी, पर कोई फैसला नहीं हुआ. देखें...