Russia-Ukraine War: मध्य-पूर्व के इस देश में आया संकट, भारत से मांगी मदद
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Russia-Ukraine War: यूक्रेन संकट से मध्य-पूर्व के कई देशों में गेहूं की किल्लत हो गई है. लेबनान ने देश में गेहूं की कमी को लेकर लेबनान में भारत के राजदूत से बात की है. इस बातचीत के दौरान लेबनान ने भारत से गेहूं की कमी को दूर करने में मदद मांगी है.
रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण मध्य-पूर्व के कई देशों में खाद्य संकट उत्पन्न हो गया है. इस क्षेत्र के अधिकतर देश अपने इस्तेमाल का अधिकतर गेहूं रूस और यूक्रेन से खरीदते हैं लेकिन युद्ध के कारण इन देशों को गेहूं की आपूर्ति बंद हो गई है. लेबनान भी उन्हीं देशों में शामिल है जो अपने इस्तेमाल का 60 फीसद हिस्सा रूस और यूक्रेन से खरीदता है. लेकिन अब लेबनान के सामने गहरा खाद्य संकट उत्पन्न हो गया है जिसके बाद वो मदद के लिए भारत के पास आया है.
तुर्की की समाचार एजेंसी के अनुसार, लेबनान की अर्थव्यवस्था और व्यापार मंत्री अमीन सलाम ने लेबनान में भारत के राजदूत डॉ सोहेल एजाज खान से मुलाकात की है. इस मुलाकात के दौरान लेबनान के मंत्री ने भारतीय राजदूत से रूसी हमले के कारण उत्पन्न खाद्य संकट में लेबनान की मदद करने का आह्वान किया.
इस मुलाकात के बाद लेबनान के अर्थव्यवस्था मंत्रालय ने एक बयान भी जारी किया जिसमें अमीन सलाम के हवाले से लिखा गया, 'सलाम ने अपने कार्यालय में लेबनान में भारत के राजदूत डॉ सोहेल एजाज खान से मुलाकात की. भारत के राजदूत ने उन्हें आश्वस्त किया कि भारत के पास गेहूं का पर्याप्त भंडार है और वो इसकी आवश्यक मात्रा लेबनान तक पहुंचाएगा. इस मुलाकात का मकसद यूक्रेन संकट के बाद उत्पन्न खाद्य संकट की स्थिति से निपटने के लिए चर्चा करना था.'
लेबनान अपने खाद्य संकट को दूर करने के लिए तुर्की के साथ भी लगातार बातचीत कर रहा है. मंत्रालय की तरफ से जारी बयान में कहा गया कि अमीन सलाम ने लेबनान में तुर्की के राजदूत से भी मुलाकात की.
लेबनान हर महीने अपनी जरूरत का 50 हजार टन गेंहू खरीदता है. यूक्रेन संकट के कारण उसे गेहूं की आपूर्ति नहीं हो पा रही है. भारत के अलावा लेबनान अन्य देशों से भी गेहूं की खरीद के लिए बात करने वाला है.
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