Russia-Ukraine Conflict: रूस-यूक्रेन विवाद की क्या है असली वजह, कैसे टल सकती है ये जंग?
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रूस दुनिया (Russia Ukraine latest news) का वो देश है जिसके पास सबसे ज़्यादा नेचुरल गैस का भंडार है. दूसरे नंबर पर ईरान और तीसरे नंबर पर कतर है. रूस की एक गैस कंपनी है, नाम है गैजप्रॉम. ये रूसी सरकार की कंपनी है. इस कंपनी के ज़रिए गैस और तेल से जो मुनाफा होता है वो रूस के सालाना बजट का करीब 40 फीसदी है. गैज़प्रॉम यूरोप में पाइपलाइन के ज़रिए सीधे गैस पहुंचाता है. यूरोप इस कंपनी का एक बड़ा बाज़ार है.
पूरे यूरोप में अमेरिका और यूक्रेन के बीच बढ़े तनाव का असर साफ देखा जा रहा है. अमेरिका को लगता है कि रूस फरवरी में यूक्रेन पर हमला करने जा रहा है. करीब एक लाख रूसी सैनिक पिछले एक हफ्ते से यूक्रेन की सीमा पर डेरा डाले हुए हैं. अमेरिकी मिलिट्री एक्सपर्ट की मानें तो रूस सर्द मौसम को देखते हुए यूक्रेन के इर्द-गिर्द बर्फ पिघलने का इंतजार कर रहा है. ताकि हैवी जंगी सामान तब वो आसानी से पहुंचा सके. तो क्या अमेरिका की आशंका सही है? क्या फरवरी में रूस यूक्रेन पर हमला करेगा? क्या रूस और यूक्रेन के बीच संभावित जंग रुक सकती है? अगर हां तो कैसे? आज आपको बताते हैं कि इस संभावित जंग की असली वजह क्या है और ये जंग किस तरह टल सकती है.
बांग्लादेश में आवामी लीग के प्रदर्शन से एक दिन पहले हिंसक झड़पें हुईं. ढाका के धनमंडी इलाके में बंगबंधु शेख मुजीबुर्रहमान के घर पर हमला किया गया. प्रदर्शनकारियों ने तोड़फोड़ की और घर को आग के हवाले करने का प्रयास किया. बुलडोजर से भी हमला किया गया. इस बीच हजारों आवामी लीग समर्थकों और नेताओं को गिरफ्तार किया गया. VIDEO
इस हमले के बाद शेख हसीना की पार्टी अवामी लीग ने बयान जारी कर देश के अंतरिम युनूस सरकार पर निशाना साधा और राज्य मशीनरी का दुरुपयोग करने का आरोप लगाया. अवामी लीग ने बयान में कहा, जब से अवैध, असंवैधानिक और फासीवादी यूनुस सरकार ने राज्य की सत्ता पर कब्ज़ा किया है, तब से उसने अपने लाभ के लिए राज्य मशीनरी पर कब्जा कर लिया है.
इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू अमेरिका के दौरे पर हैं. इस बीच अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने उन रिपोर्ट् का खंडन किया है जिनमें कहा जा रहा है कि अमेरिका 'ईरान के टुकड़े-टुकड़े करने के लिए' इजरायल के साथ मिलकर काम कर रहा है. दावों को खारिज करते हुए ट्रंप ने कहा कि ऐसी अटकलें 'बहुत बढ़ा-चढ़ाकर पेश की गई' हैं.
कहा जाता है कि मिलर का व्हाइट हाउस में बड़ा रुतबा है. वह अब राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार और नीतिगत मामलों के डिप्टी डायरेक्टर हैं. ट्रंप ने जब कार्यकारी आदेशों पर हस्ताक्षर किए थे तब वहां मिलर भी मौजूद थे. बता दें कि इस आदेश में ट्रंप ने जन्मसिद्ध नागरिकता को खत्म करने और मैक्सिको सीमा पर सख्ती करने समेत कई फैसले लिए थे.