Rapid Rail Project: 14000 कर्मचारी, 1100 इंजीनियर मिलकर बना रहे रैपिड रेल, जानें क्यों अद्भुत है यह प्रोजेक्ट
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Facts about Rapid Rail Project: रैपिड रेल का ट्रायल शुरू हो चुका है और मार्च 2023 से ट्रेनें चलने की पूरी उम्मीद है. प्रोजेक्ट जब पूरी तरह शुरू हो जाएगा तो दिल्ली से मेरठ के बीच की दूरी महज 50 मिनट में पूरी की जा सकेगी. दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ आरआरटीएस कॉरिडोर पर रैपिड रेल को 2025 तक पूरी तरह ऑपरेशनल कर दिया जाएगा. 14 हजार से ज्यादा कर्मचारी और 1100 इंजीनियर दिन और रात एक करके इस 82 किमी लंबे गलियारे का निर्माण कर रहे हैं. किसी भी शहरी इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट के लिए देश में इस स्तर का निर्माण पहली बार किया जा रहा है.
Rapid Rail Project Details in Hindi: भारत में पहली रैपिड रेल का सपना अब पूरा होने वाला है. दिल्ली से मेरठ के बीच रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (आरआरटीएस) का काम लगभग आखिरी दौर में है और जल्द ही इस कॉरिडोर पर हाई ट्रेनें दौड़ती नजर आएंगी. ट्रायल शुरू हो चुका है और मार्च 2023 से ट्रेनें चलने की पूरी उम्मीद है. प्रोजेक्ट जब पूरी तरह शुरू हो जाएगा तो दिल्ली से मेरठ के बीच की दूरी महज 50 मिनट में पूरी की जा सकेगी. दिल्ली-एनसीआर के बाशिंदों के लिए यह किसी सपने के पूरे होने जैसा है. 82.5 किमी लंबे इस रेल प्रोजेक्ट को दुनिया का सबसे हाइटेक सिस्टम भी कहा जा रहा है. ये दावा यूं ही नहीं किया जा रहा. जानिए क्या है इसकी वजह.....
- रैपिड रेल प्रोजेक्ट के लिए कॉरिडोर का निर्माण राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र परिवहन निगम (एनसीआरटीसी) कर रहा है. इस प्रोजेक्ट की लागत 30, 274 करोड़ रुपये है.
- एनसीआरटीसी ने रैपिड रेल के संचालन और मेंटेनेंस के लिए डायचे बान इंजीनियरिंग एंड कंसल्टेंसी इंडिया प्राइवेट लिमिटेड (डीबी इंडिया) के साथ करार किया है. बता दें कि डीबी इंडिया जर्मनी की राष्ट्रीय रेलवे कंपनी डायचे बान एजी की सहायक कंपनी है.
- 14 हजार से ज्यादा कर्मचारी और 1100 इंजीनियर दिन और रात एक करके इस 82 किमी लंबे गलियारे का निर्माण कर रहे हैं. किसी भी शहरी इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट के लिए देश में इस स्तर का निर्माण पहली बार किया जा रहा है.
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- कॉरिडोर बनाने के लिए 6.5 मीटर व्यास की आरआरटीएस सुरंगों को बोर करने के लिए देश में पहली बार एक साथ कुल 8 टनल बोरिंग मशीनों (टीबीएम) का इस्तेमाल किया जा रहा है. इन मशीनों का नाम 'सुदर्शन' दिया गया है.
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