राजस्थान: बोरवेल में फंसी चेतना को बचाने का प्लान B भी फेल... अब फिर से अंब्रेला तकनीक का सहारा ले रही रेस्क्यू टीम
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चेतना नाम की बच्ची सोमवार को अपने पिता के खेत में खेलते समय बोरवेल में गिर गई थी. बच्ची को बचाने के लिए देसी जुगाड़ फेल होने के बाद पाइलिंग मशीन का सहारा लिया गया, लेकिन ये प्लान भी फेल हो गया. कारण, रेतीली जगह होने के चलते अधिक खुदाई से बोरवेल के पास मिट्टी ढहने का खतरा पैदा हो गया.
राजस्थान के कोटपूतली-बहरोड़ जिले में 150 फीट गहरे बोरवेल में गिरी तीन साल की बच्ची को बचाने के प्रयास मंगलवार को भी जारी रहे. चेतना नाम की बच्ची सोमवार को अपने पिता के खेत में खेलते समय बोरवेल में गिर गई थी. बच्ची को बचाने के लिए देसी जुगाड़ फेल होने के बाद पाइलिंग मशीन का सहारा लिया गया, लेकिन ये प्लान भी फेल हो गया. कारण, रेतीली जगह होने के चलते अधिक खुदाई से बोरवेल के पास मिट्टी ढहने का खतरा पैदा हो गया.
इसके बाद एनडीआरएफ ने फिर से अंब्रेला तकनीक का सहारा लेना शुरू किया है. प्रशासन का कहना है कि उम्मीद है कि इस तकनीक से बच्ची को जल्दी निकाल लिया जाएगा. रेस्क्यू टीम तीन रॉड के जरिए नीचे बेस बनाकर बच्ची को उपर खिंचने की कोशिश कर रही है. साथ ही दूसरी जगह पर पाइलिंग का काम भी फिर से शुरू कर दिया गया है.
गांववालों ने प्रशासन पर लगाए आरोप
जानकारी के मुताबिक बच्ची बोरवेल में डाले गए कैमरे में दिखना बंद हो गई है. अब वापस जेसीबी से खुदाई शुरू हुई है. अब नए सिरे से पाइलिंग मशीन लगाकर खुदाई की जा रही है. बच्ची कई घंटों से बिना खाना पानी के बोरवेल में फंसी है. कैमरे में नजर नहीं आने के चलते बच्ची के मौजूदा हालत के बारे में पता नहीं लगाया जा सका है.
गांव वालों ने प्रशासन पर रेस्क्यू में देरी और ढिलाई का आरोप लगाते हुए कहा कि अधिकारियों ने शुरू से इस मामले में गंभीरता नहीं दिखाई और बिना एक्सपर्ट के देसी तरीके से काम करती रही. जब देसी जुगाड़ फेल हुआ तो एक दिन बाद पाइलिंग मशीन बुलाई गई.
मासूम के पिता ने ही खुदवाया था बोरवेल
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