PM Modi ने लिया युवाओं का समय बचाने वाला फैसला, खत्म हो गई प्रतियोगी छात्रों की परेशानी
Zee News
साल 2014 में नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) के प्रधानमंत्री बनने तक जो व्यवस्था थी, उसके मुताबिक सरकारी नौकरी के लिए आवेदन करने वाले छात्रों को अपने डॉक्यूमेंट किसी राजपत्रित अधिकारी (Gazetted Officer) से सत्यापित कराने जरूरी होते थे.
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) के प्रशासन में 20 साल पूरे होने पर हम एक स्पेशल सीरीज चला रहे हैं और आज हम आपको उनके उस फैसले के बारे में बताएंगे जिसने युवाओं और खासकर सरकारी नौकरियों के लिए परीक्षा देने वाले छात्रों की परेशानी कम की है. ये फैसला सेल्फ अटेस्टेशन (Self Attestation) का है. भारत में नौकरी करने की उम्र 18 वर्ष से 60 वर्ष के बीच मानी जाती है और इस उम्र के लोगों की संख्या हमारे देश में करीब 100 करोड़ है. इनमें से हर साल 3 करोड़ से ज्यादा लोग केंद्र सरकार की नौकरियों के लिए आवेदन करते हैं.
साल 2014 में नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) के प्रधानमंत्री बनने तक जो व्यवस्था थी, उसके मुताबिक सरकारी नौकरी के लिए आवेदन करने वाले छात्रों को अपने डॉक्यूमेंट किसी राजपत्रित अधिकारी (Gazetted Officer) से सत्यापित कराने जरूरी होते थे. बिना इसके प्रतियोगियों के दस्तावेज पूरे नहीं माने जाते थे. ब्रिटिश काल से चले आ रहे इस कानून की वजह से हर साल लाखों प्रतियोगी किसी Gazetted Officer के घर या दफ्तर के चक्कर लगाने के लिए मजबूर थे.