NDA या INDI गठबंधन... किसकी सरकार? सोमवार को शेयर बाजार में दिखेगा Exit Poll का असर
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बिजनेस टुडे के सर्वे के अनुसार, शेयर बाजार एक्सपर्ट्स भाजपा को स्पष्ट बहुमत मिलने का अनुमान लगा रहे हैं, जहां एक्सपर्ट को उम्मीद है कि NDA पार्टी अपने दम पर 300-320 सीटें जीत सकती है.
लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Election) के परिणाम को लेकर निवेशकों की निगाहें भारतीय स्टॉक मार्केट (Stock Market) पर टिकी हुई हैं. सात चरणों में से 6 चरण का चुनाव हो चुका है और आखिरी चरण में 57 सीटों पर वोटिंग हो रही है. लोग 6 सप्ताह तक चलने वाले मतदान के नतीजों का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं. अभी तक 89 फीसदी मतदान हो चुका है. इस बीच शेयर बाजार में भारी उतार-चढ़ाव देखा गया है.
चुनाव एक्सपर्ट्स के बीच चुनाव के संभावित नतीजों को लेकर मतभेद होने के कारण बाजार में उतार-चढ़ाव देखी जा रही है. कम मतदान और उदासीनता को लेकर कहा जा रहा है कि यह NDA या प्रधानमंत्री के लिए जोखिम भरा हो सकता है. ऐसे में लोग शेयर बाजार में मुनाफावसूली भी कर रहे हैं. Stock Market इस बात को लेकर चिंतित है कि आगे क्या होने वाला है? एग्जिट पोल का असर को सोमवार को शेयर बाजार में दिखने को मिलेगा. हालांकि मंगलवार को ही मतगणना है और फिर तस्वीर साफ हो जाएगी.
बिजनेस टुडे के सर्वे के अनुसार, शेयर बाजार एक्सपर्ट्स भाजपा को स्पष्ट बहुमत मिलने का अनुमान लगा रहे हैं, जहां एक्सपर्ट को उम्मीद है कि NDA पार्टी अपने दम पर 300-320 सीटें जीत सकती है. पिछले चुनाव 2019 में भाजपा ने अकेले अपने दम पर 303 सीटें जीती थीं, जबकि एनडीए को 352 सीटें मिली थीं.
भाजपा की जीत से कितना चढ़ेगा बाजार? फॉरेक्स कंसल्टिंग और असेट मैंनेजमेंट फर्म IFA ग्लोबल के संस्थापक अभिषेक गोयनका ने कहा कि अगर BJP अपनी स्थिति को और मजबूत करने में सक्षम होती है या फिर पुराने परफॉर्मेंस को दोहराती है तो बेंचमार्क इंडेक्स Sensex और Nifty में 4 से 5 फीसदी तक भाग सकता है.
ITI म्यूचुअल फंड के मुख्य निवेश अधिकारी राजेश भाटिया ने समाचार एजेंसी रॉयटर्स को बताया कि अगर भाजपा 2019 की तुलना में ज्यादा मजबूत परफॉर्म करती है तो इंफ्रास्ट्रक्चर पर खर्च और मैन्युफैक्चर सेक्टर जैसे सेक्टर्स में तेजी आएगी, जिस कारण शेयर बाजार में बढ़ोतरी होगी.
स्वास्थ्य बीमा पर 18% जीएसटी से मध्यम वर्ग परेशान है. सरकारी अस्पतालों में सुविधाओं की कमी के कारण लोग निजी अस्पतालों का रुख करते हैं. महंगे इलाज से बचने के लिए हेल्थ इंश्योरेंस लेते हैं, लेकिन प्रीमियम पर भारी टैक्स लगता है. जीएसटी काउंसिल की बैठक में राहत की उम्मीद थी, पर कोई फैसला नहीं हुआ. देखें...