Nadav Lapid कौन हैं? 'द कश्मीर फाइल्स' को 'वल्गर प्रोपेगेंडा' बताकर चर्चा में आए, कॉन्ट्रोवर्सी से रहा पुराना नाता
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नदव लैपिड एक इजरायली स्क्रीनराइटर और फिल्ममेकर हैं. साल 2011 में 'पुलिसमेन', 2014 में 'The Kindergarten Teacher' और साल 2019 में 'Synonyms' नामक फिल्मों का निर्देशन करने के साथ उसे लिखा भी था. नदव लैपिड का कॉन्ट्रोवर्शियल स्टेटमेंट्स से पुराना नाता रहा है. 47 साल के इजरायली फिल्ममेकर का अपने ही होमलैंड से लव-हेट रिलेशनशिप रहा है.
फिल्म 'द कश्मीर फाइल्स' जब रिलीज हुई थी, तब इसपर काफी विवाद था. फिल्म कश्मीरी पंडितों के दर्द और संघर्ष की कहानी थी, जिसे डायरेक्टर विवेद अग्निहोत्री ने बड़े पर्दे पर रखा था. फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर साल 2022 में कई रिकॉर्ड्स अपने नाम किए. लेकिन साल 1990 में हुए कश्मीरी पंडितों के नरसंहार की सच्ची घटना पर आधारित इस फिल्म को लेकर सोशल मीडिया पर दो गुट बन गए थे. कोई इसके सपोर्ट में खड़ा हुआ था तो कोई इसकी निंदा कर रहा था. आजकल गोवा में इंटरनेशन फिल्म फेस्टिवल ऑफ इंडिया (IFFI) चल रहा है. इसमें जूरी हेड नदव लैपिड बने हैं. इन्होंने विवेद अग्निहोत्री की इस फिल्म को लेकर विवादित बयान दे दिया है. नदव लैपिड का कहना है कि 'द कश्मीर फाइल्स' फिल्म एक 'वल्गर प्रोपेगेंडा' है.
कौन हैं नदव लैपिड? नदव लैपिड एक इजरायली स्क्रीनराइटर और फिल्ममेकर हैं. साल 2011 में 'पुलिसमेन', 2014 में 'The Kindergarten Teacher' और साल 2019 में 'Synonyms' नामक फिल्मों का निर्देशन तो संभाला ही था. फिल्मों को इन्होंने लिखा भी था. 1975 में Tel-Aviv, इजराइल में जन्में नदव लैपिड ने अपने करियर में कई डॉक्यूमेंट्रीज बनाई हैं. IFFI के नदव लैपिड जूरी चेयरमैन रहे हैं. सिर्फ यही नहीं, नदव लैपिड साल 2015 में लोकर्नो फिल्म फेस्टिवल में गोल्डन लेपर्ड जूरी, 2016 में कैन्स फिल्म फेस्टिवल में इंटरनेशनल क्रिटीक्स वीक जूरी और साल 2021 में बर्लिन इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल में ऑफीशियल कॉम्पिटिशन जूरी के भी मेंबर रह चुके हैं.
नदव लैपिड की फिल्म 'Synonyms' ने साल 2019 में 69वें बर्लिन इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल में गोल्डन बीयर अवॉर्ड जीता था. साल 2011 में इन्होंने 'पुलिसमेन' से अपना डायरेक्टोरियल डेब्यू किया था. इस फीचर फिल्म को लोकार्नो इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल में स्पेशल जूरी प्राइज से नवाजा गया था.
नदव ने दिया कॉन्ट्रोवर्शियल बयान नदव लैपिड का कॉन्ट्रोवर्शियल स्टेटमेंट्स से पुराना नाता रहा है. 47 साल के इजरायली फिल्ममेकर का अपने ही होमलैंड से लव-हेट रिलेशनशिप रहा है. नदव लैपिड उन 250 इजरायली फिल्ममेकर्स में से एक रहे हैं, जिन्होंने Shomron (Samaria/West Bank) Film Fund के लॉन्च को लेकर विरोध प्रदर्शन साइन किया था. नदव लैपिड का कहना था कि इस फंड को बनाने का केवल एक ही लक्ष्य है, वह यह कि इजराइली फिल्ममेकर्स से फाइनेंशियल सपोर्ट लेना और पुरस्कार के बदले में अपने इस व्यवसाय को सफेद करना. शोमरोन फिल्म फंड का आधिकारिक जनादेश यह है, "वेस्ट बैंक में रहने वाले यहूदी को पेंशन देना और वेस्ट बैंक में फिल्माए गए इजरायली नागरिकों द्वारा प्रस्तुतियों का प्रोडक्शन करना है. इसके अलावा अपनी फिल्म 'Synonyms' के बारे में बात करते हुए नदव लैपिड ने कहा था कि इजरायल की सामूहिक आत्मा, एक बीमार आत्मा है. इजरायल के अस्तित्व में कुछ गलत है, सड़ा हुआ है. केवल Benjamin Netanyahu ही नहीं, इजरायल के लिए कुछ स्पेशल नहीं है. साथ ही, मुझे लगता है कि इस इजराइली बीमारी की विशेषता यंग इजराइली पुरुष हैं जो मस्कुलर हैं, मुस्कुराते हैं और किसी भी मुद्दे पर न तो सवाल करते हैं और न ही कोई संदेह करते हैं. उन्हें केवल अपने इजरायली होने पर ही गर्व रहता है.
नदव लैपिड के बयान की अनुपम खेर और विवेक अग्निहोत्री ने की निंदा नदव लैपिड ने 'द कश्मीर फाइल्स' को 'वल्गर प्रोपेगेंडा' बताया है तो ऐसे में सोशल मीडिया पर बड़ी बहस छिड़ गई है. अनुपम खेर ने नदव के बयान की निंदा करते हुए लिखा है कि झूठ का कद कितना भी ऊंचा क्यों ना हो. सत्य के मुकाबले में हमेशा छोटा ही होता है. वहीं, फिल्म के निर्देशनक विवेक अग्निहोत्री ने भी रिएक्ट करते हुए कहा कि गुड मॉर्निंग, सच सबसे खतरनाक चीज है. ये लोगों को झूठा बना सकता है. कम शब्दों में ही सही, लेकिन विवेक ने अपनी बात सही ढंग से रखी है.
सिर्फ इतना ही नहीं फिल्ममेकर नदव लैपिड के इस बयान से इजरायली राजदूत ने भी किनारा कर लिया है. भारत में इजराइल के राजदूत नाओर गिलोन ने नदव लैपिड को दो टुक जवाब देते हुए कहा कि नदव लैपिड के बयान पर हमें शर्म आती है. नदव ने जो कहा है कि उनका पर्सनल प्वॉइंट ऑफ व्यू है.
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