Modi 3.0 Govt: फिर आ गई मोदी सरकार... फटाफट फैसलों पर नजर, जानिए क्या-क्या काम है लिस्ट में?
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कोविड-19 महामारी के झटके के चार साल बाद अर्थव्यवस्था काफी अच्छी स्थिति में दिख रही है. वित्त वर्ष 2023-24 (FY24) में सकल घरेलू उत्पाद (GDP) 8.2% की दर से बढ़ा, जो लगातार तीसरा साल था जब 7% से अधिक की बढ़ोतरी हुई है.
NDA गठबंधन के साथ नरेंद्र मोदी की नई सरकार बन चुकी है. मोदी 3.0 में कई नए मंत्रियों को शामिल किया गया है. बीजेपी की अगुवाई में NDA की सरकार बनी है, जिसमें मुख्य सहयोगी के तौर पर TDP और JDU है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इन दोनों पार्टियों को अपने राज्य के लिए विशेष दर्जे की उम्मीद है. वहीं कुछ अन्य मांग भी जुड़े हुए हैं, जिसे नए सिरे से चर्चा की जा सकती है और इसका असर राजकोष पर देखने को मिल सकता है. इसके अलावा कुछ और फैक्टर हैं, जो देश की अर्थव्यवस्था या विकास की रफ्तार तय करेंगी.
कोविड-19 महामारी के झटके के चार साल बाद अर्थव्यवस्था काफी अच्छी स्थिति में दिख रही है. वित्त वर्ष 2023-24 (FY24) में सकल घरेलू उत्पाद (GDP) 8.2% की दर से बढ़ा, जो लगातार तीसरा साल था जब 7% से अधिक की बढ़ोतरी हुई है. टैक्स कलेक्शन मजबूत रहा है और प्राइवेट इन्वेस्टमेंट भी फिर से पटरी पर आ रहा है. केंद्र का राजकोषीय घाटा वित्त वर्ष 24 में सकल घरेलू उत्पाद के 5.6% पर अच्छी तरह से नियंत्रित था, इस बात के संकेत हैं कि यह चालू वित्त वर्ष में GDP 5.1% के टारगेट से बेहतर प्रदर्शन कर सकता है.
नई सरकार में इन सेक्टर पर रहेगा फोकस नई सरकार में उद्योग और निवेशक उम्मीद कर रहे हैं कि अपने पुराने रणनीति के तहत कई सुधारों को आगे भी जारी रखेगी. इसमें लेबर कोड शामिल है, जिसे साल 2019 और 2020 में संसद द्वारा पारित किए जाने के बावजूद अभी तक अधिसूचित नहीं किया गया है. साथ ही भूमि सुधार भी शामिल हैं, जो फैक्ट्री की स्थापना के लिए भूमि अधिग्रहण को आसान बना सकते हैं. इसी तरह, पब्लिक सेक्टर की यूनिट्स के विनिवेश की योजना, जिनमें से कुछ पर काम चल रहा है.
GST और बेरोजगारी को लेकर क्या हो सकता है? वहीं GST को लेकर सरकार कुछ और बदलाव कर सकती है, जिसके रेट और कम किए जा सकते हैं और इसे आसान बनाया जा सकता है. वहीं बेरोजगारी और महंगाई के मुद्दे को लेकर भी कदम उठाए जा सकते हैं.
एक्सपर्ट्स ने बताया कैसी रहेगी विकास की रफ्तार?
बिजनेस टुडे के मुताबिक, एक्सपर्ट्स को भरोसा है कि आगे भी विकास की गति बनी रहेगी और निवेश, इंफ्रा के विकास, मैन्यूफैक्चर को बढ़ावा देने और एनर्जी जैसे नीति पर फोकस आगे भी जारी रहेगा. नतीजों के बाद भाजपा कार्यालय से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इन सेक्टर्स को लेकर विकास के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को उजागर किया था.
Petrol-Diesel Prices Today: इंटरनेशनल मार्केट में कच्चे तेल के दाम एक बार फिर से बढ़ने लगे हैं, आज ब्रेंट क्रूड 71.21 डॉलर प्रति बैरल है, जबकि WTI क्रूड 67.06 डॉलर प्रति बैरल पर कारोबार कर रहा है. वहीं, भारत की बात करें तो सरकारी तेल कंपनियों ने आज 18 नवंबर, 2024 को भी सभी महानगरों में पेट्रोल और डीजल की कीमतें स्थिर ही रखी हैं.