Maharastra: चंद्रपुर में बना गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड, ताडोबा उत्सव में 65 हजार पौधों से लिखा ‘भारतमाता’
AajTak
महाराष्ट्र के चंद्रपुर में चल रहे ताडोबा उत्सव के अवसर पर अनोखा गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड बन गया. यहां 65 हजार 724 पौधों की मदद से ‘भारतमाता’ लिखकर बनाया गया रिकॉर्ड. 26 प्रकार के स्वदेशी प्रजाति के पौधों का इस्तेमाल कर भारतमाता लिखा गया था. वन मंत्री सुधीर मुनगंटीवार की पहल पर पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा देने के उद्देश्य से यह आयोजन किया गया.
महाराष्ट्र के चंद्रपुर में तीन दिवसीय ताडोबा उत्सव का आयोजन किया गया. इस मौके पर चंद्रपुर में एक अनोखा गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया गया. 26 प्रकार के स्वदेशी पौधों का इस्तेमाल कर कुल 65 हजार 734 पौधों की मदद से ‘भारतमाता’ लिखा गया. शहर के रामबाग फॉरेस्ट कॉलोनी ग्राउंड में यह आयोजन किया गया था.
महाराष्ट्र वन विभाग की ओर से यह आयोजन किया गया था. इस दौरान गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड की ओर से एक टीम मौजूद थी. टीम द्वारा रिकॉर्ड को लेकर पूरे निष्कर्षों को जांचने के बाद वर्ल्ड रिकॉर्ड होने की घोषणा की गई और इसका प्रमाण पत्र मंत्री सुधीर मुनगंटीवार को सौंपा गया.
यह भी पढ़ें- बिलकिस बानो रेप के 2 दोषियों ने फिर खटखटाया सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा, मामले को बड़ी बेंच के पास भेजने की मांग
पर्यटन के जरिए रोजगार को बढ़ावा देने का प्रयास
सबसे ज्यादा हैरान करने वाली बात यह रही कि खींवसर को तीन क्षेत्रों में बांटकर देखा जाता है और थली क्षेत्र को हनुमान बेनीवाल का गढ़ कहा जाता है. इसी थली क्षेत्र में कनिका बेनीवाल इस बार पीछे रह गईं और यही उनकी हार की बड़ी वजह बनी. आरएलपी से चुनाव भले ही कनिका बेनीवाल लड़ रही थीं लेकिन चेहरा हनुमान बेनीवाल ही थे.
देश का सबसे तेज न्यूज चैनल 'आजतक' राजधानी के मेजर ध्यानचंद नेशनल स्टेडियम में तीन दिवसीय 'साहित्य आजतक' महोत्सव आयोजित कर रहा है. इसी कार्यक्रम में ये पुरस्कार दिए गए. समारोह में वरिष्ठ लेखकों और उदीयमान प्रतिभाओं को उनकी कृतियों पर अन्य 7 श्रेणियों में 'आजतक साहित्य जागृति सम्मान' से सम्मानित किया गया.
आज शाम की ताजा खबर (Aaj Ki Taza Khabar), 23 नवंबर 2024 की खबरें और समाचार: खबरों के लिहाज से शनिवार का दिन काफी अहम रहा है. महाराष्ट्र में नतीजे आने के बाद सूत्रों की मानें तो एकनाथ शिंदे ने मुख्यमंत्री पर पर अपना दावा ठोका है. सीएम योगी ने यूपी उपचुनाव के नतीजों को पीएम मोदी के नेतृत्व की जीत बताया है.
हिंदी साहित्य के विमर्श के दौरान आने वाले संकट और चुनौतियों को समझने और जानने की कोशिश की जाती है. हिंदी साहित्य में बड़े मामले, संकट और चुनने वाली चुनौतियाँ इन विमर्शों में निकली हैं. महत्वपूर्ण विचारकों और बुद्धिजीवियों ने अपने विचार व्यक्त किए हैं. हिंदी साहित्यकार चन्द्रकला त्रिपाठी ने कहा कि आज का विकास संवेदन की कमी से ज्यादा नजर आ रहा है. उन्होंने कहा कि व्यक्ति प्रेम के लिए वस्तुओं की तरफ झूक रहा है, लेकिन व्यक्ति के प्रति संवेदना दिखाता कम है. त्रिपाठी ने साहित्यकारों के सामने मौजूद बड़े संकट की चर्चा की. ये सभी महत्वपूर्ण छोटी-बड़ी बातों का केंद्र बनती हैं जो हमें सोचने पर मजबूर करती हैं.