Jummu Kashmir में डिलिमिटेशन से BJP को कैसे हो सकता है फ़ायदा?
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वज़ीरे आज़म मोदी ने पिछले साल यौमे आज़ादी के भाषण में साफ कर दिया था कि जम्मू-कश्मीर में पहले डिलिमिटेशन होगा, फिर चुनाव. यानी विधानसभा चुनाव कब होंगे, यह डिलिमिटेशन की रिपोर्ट के बाद ही तय होगा.
नई दिल्ली: वज़ीरे आज़म नरेंद्र मोदी और वज़ीरे दाखिला अमित शाह ने गुरुवार को जम्मू-कश्मीर के 8 सियासी जमातों के 14 नेताओं के साथ बैठक की. इस दौरान जम्मू-कश्मीर के मुसतक्बिल और आने वाले वक्त में चुनावों पर चर्चा हुई. बैठक में पीएम मोदी ने जम्मू-कश्मीर के नेताओं को चुनाव के लिए तैयर रहने के इशारे भी दिए. पर जानकारों का मानना है कि इस साल जम्मू-कश्मीर में विधान साभ चुनाव ना होने के इमकान हैं, क्योंकि फिलहाल जम्मू-कश्मीर रीऑर्गेनाइजेशन एक्ट (JKRA) के तहत विधानसभा इलाकों के डिलिमिटेशन का अमल चल रहा है. इस वजह से जम्मू-कश्मीर में चुनाव अब अगले साल ही होंगे. वज़ीरे आज़म मोदी ने पिछले साल यौमे आज़ादी के भाषण में साफ कर दिया था कि जम्मू-कश्मीर में पहले डिलिमिटेशन होगा, फिर चुनाव. यानी विधानसभा चुनाव कब होंगे, यह डिलिमिटेशन की रिपोर्ट के बाद ही तय होगा. डिलिमिटेशन बेहद खास है क्योंकि इसमें 7 सीटें बढ़ने वाली हैं. अगर यह सीटें जम्मू इलाके में बढ़ीं तो बीजेपी को उसका फायदा मिल सकता है और दो साल पुराने इस केंद्रशासित प्रदेश में भाजपा की हुकूमत भी बन सकती है.More Related News
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