IPO Alert: एक नहीं 9 आईपीओ... अगले हफ्ते कमाई के बंपर मौके, पैसे रखें तैयार
AajTak
IPO Next Week: साल का आखिरी महीना चल रहा है और अगले हफ्ते आईपीओ मार्केट में निवेश करने वालों के लिए एक-दो नहीं बल्कि 9 आईपीओ ओपन होने के लिए तैयार है. इनमें चार मैनबोर्ड, जबकि पांच एसएमई कैटेगरी के इश्यू शामिल हैं.
अगर आप आईपीओ में निवेश (IPO) करने का प्लान कर रहे हैं और इस साल अब तक आए इश्यू में पैसे लगाने से चूक गए हैं, तो फिर ये खबर आपके लिए है. 2024 के आखिरी महीने में अगले हफ्ते आपको कमाई के बंपर मौके मिलने वाले हैं. दरअसल, एक दो नहीं बल्कि पूरे 9 आईपीओ मार्केट में दस्तक देने वाले हैं. इनमें चार मैनबोर्ड इश्यू शामिल हैं, जैसे सुपरमार्केट चेन चलाने वाली कंपनी विशाल मेगा मार्ट (Vishal Mega Mart IPO) और मोबिक्विक (Mobikwik IPO), आइए जानते हैं इनसे जुड़ी डिटेल्स के बारे में...
मैनबोर्ड के साथ ही SME आईपीओ भी शामिल साल के आखिरी महीने दिसंबर में आईपीओ मार्केट में खूब बहार देखने को मिल रही है और अगला हफ्ता भी गुलजार रहने वाला है. दरअसल, 9 कंपनियां अपने IPO लॉन्च करने के लिए तैयार हैं, जिनमें विशाल मेगा मार्ट और मोबिक्विक जैसी दिग्गज कंपनियों के साथ ही SME सेक्टर की कई उभरती कंपनियां भी शामिल हैं. मतलब निवेशकों को एक-दो नहीं बल्कि पूरे 9 कमाई के मौके मिलने वाले हैं. शेयर बाजार (Stock Market) में इस ब्लॉकबस्टर सप्ताह में ओपन होने जा रहे इश्यू के प्राइस बैंड से लेकर लॉट साइज तक की डिटेल आ चुकी है.
पहला आईपीओ- विशाल मेगा मार्ट मैनबोर्ड कैटेगरी में सुपरमार्केट चेन चलाने वाली कंपनी विशाल मेगा मार्ट के आईपीओ (Vishal Mega Mart IPO) का साइज ₹8,000 करोड़ रुपये है और इसके तहत ऑफर फॉर सेल (OFS) के जरिए 102.56 करोड़ शेयर बिक्री के लिए पेश किए जा रहे हैं. यानी कोई फ्रैश शेयर जारी नहीं किया जाएगा. निवेशक इस इश्यू में 11 दिसंबर से 13 दिसंबर तक पैसे लगा सकेंगे और इसकी शेयर बाजार में लिस्टिंग 18 दिसंबर को हो सकती है. प्राइस बैंड की बात करें, तो ये 74 से 78 रुपये प्रति शेयर तय किया गया है और इसका लॉट साइज 190 शेयरों का है. इस हिसाब से देखें तो निवेशक को कम से कम 14,820 रुपये का इन्वेस्टमेंट करना होगा. दूसरा आईपीओ- साई लाइफ साइंसेज लिमिटेड अगले हफ्ते ओपन होने वाले दूसरा मैनबोर्ड आईपीओ Sai Life Sciences Limited का है. कंपनी ने अपने इश्यू के जरिए मार्केट से 3,042.62 करोड़ रुपये जुटाने का प्लान बनाया है. इसमें ₹950 करोड़ मूल्य के 1.73 करोड़ नए शेयर जारी किए जाएंगे, तो वहीं ऑफर फॉर सेल (OFS) के तहत ₹2,092.62 करोड़ मूल्य के 3.81 करोड़ शेयर जारी होंगे. इस आईपीओ को भी 11 से 13 दिसंबर तक सब्सक्राइब्ड किया जा सकेगा, जबकि लिस्टिंग की संभावित तारीख 18 दिसंबर तय की गई है. कंपनी ने अपने शेयरों का प्राइस बैंड 522 से 549 रुपये प्रति शेयर, जबकि लॉट साइज 27 शेयरों का तय किया है और निवेशकों को मिनिमम 14,823 रुपये लगाने होंगे.
तीसरा आईपीओ- वन मोबिक्विक सिस्टम्स लिमिटेड लिस्ट में अगला नाम वन मोबिक्विक सिस्टम्स लिमिटेड के आईपीओ (One Mobikwik System IPO) का है, जिसका आकार 572 करोड़ रुपये है. इसके तहत 2.05 करोड़ नए शेयर जारी किए जाने हैं, और ये भी 11-13 दिसंबर तक ओपन रहेगा, जबकि शेयर मार्केट में लिस्टिंग 18 दिसंबरको होगी. प्राइस बैंड के बारे में बात करें, तो ये 265 से 279 रुपये प्रति शेयर तय किया गया है और कोई निवेशकों कम से कम 53 शेयरों के लिए बोली लगाकर न्यूनतम 14,787 रुपये का निवेश करेगा.
चौथा आईपीओ- इन्वेंटुरस नॉलेज सॉल्यूशंस लिमिटेड अगले हफ्ते ओपन होने जा रहा अगला मैनबोर्ड इश्यू Inventurus Knowledge Solutions Limited का आईपीओ है. जो 12 दिसंबर को खुलेगा और 16 दिसंबर तक इसमें पैसे लगाए जा सकेंगे. कंपनी की तैयारी ऑफर फॉर सेल के जरिए 1.88 करोड़ शेयर जारी करने की है मतलब कोई नया शेयर जारी नहीं किया जाएगा. 12 दिसंबर को खुलने के बाद ये इश्यू 16 दिसंबर को बंद होगा और इसकी संभावित लिस्टिंग 19 दिसंबर को हो सकती है. हालांकि, कंपनी की ओर से अभी तक इस आईपीओ के लिए प्राइस बैंड का ऐलान नहीं किया गया है.
SME कैटेगरी के ये IPO होंगे ओपन अब बात करते हैं एसएमई बोर्ड में भी अगले हफ्ते खुलने वाला 5 आईपीओ के बारे में, तो बता दें कि धनलक्ष्मी क्रॉप साइंस (Dhanlaxmi Crop Science IPO) का साइज 23.80 करोड़ रुपये, 9-11 दिसंबर कर खुलेगा. इसके अलावा Jungle Camps India IPO 10-12 दिसंबर तक ओपन रहेगा और इसका साइज 29.42 करोड़ रुपये है. टॉस द कॉइन (Toss The Coin IPO) 9.17 करोड़ रुपये, पर्पल यूनाइटेड सेल्स (Purple United Sales IPO) 32.81 करोड़ रुपये का है. इसके अलावा 50 करोड़ रुपये का सुप्रीम फैसिलिटी मैनेजमेंट (Supreme Facility Management IPO) भी लिस्ट में है.
स्वास्थ्य बीमा पर 18% जीएसटी से मध्यम वर्ग परेशान है. सरकारी अस्पतालों में सुविधाओं की कमी के कारण लोग निजी अस्पतालों का रुख करते हैं. महंगे इलाज से बचने के लिए हेल्थ इंश्योरेंस लेते हैं, लेकिन प्रीमियम पर भारी टैक्स लगता है. जीएसटी काउंसिल की बैठक में राहत की उम्मीद थी, पर कोई फैसला नहीं हुआ. देखें...