INS Vikrant Vs IAC Vikrant: 1971 की जंग के हीरो रहे INS विक्रांत से कितना अलग है नया IAC Vikrant, जानिए अंतर
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1971 का युद्ध. पाकिस्तान की नापाक साजिशों के सामने यमदूत बनकर खड़ा था भारतीय नौसेना का INS Vikrant. आज है 2022. सामने खड़ा है IAC Vikrant. देश का पहला स्वदेशी विमानवाहक युद्धपोत. 18 साल लगे बनने में. आइए जानते हैं कि पुराने विक्रांत से नये विक्रांत में क्या अंतर है? दोनों की ताकतों, क्षमताओं की तुलना...
कैसी लगती है खुद से खुद की लड़ाई? INS Vikrant बनाम IAC Vikrant. एक एयरक्राफ्ट करियर जिसे ब्रिटेन से मंगाया गया था. दूसरा वो जो खुद बनाया गया. पहले विक्रांत ने 36 साल देश की सेवा की. 1971 के युद्ध में पाकिस्तान की धज्जियां उड़ा दी थीं. पड़ोसी मुल्क के युद्धपोतों, पनडुब्बियों और विमानों के सामने मौत बनकर खड़ा था. स्वदेशी IAC Vikrant बनने 18 साल जरूर लग गए लेकिन ये आधुनिक, ताकतवर, क्षमतावान और घातक है.
INS Vikrant और IAC Vikrant में समानताएं
1961 में भारतीय नौसेना में शामिल हुए INS Vikrant का ध्येय वाक्य 'जयेम सं युधिस्पृध' यानी जो मुझसे युद्ध करेगा, उसे मैं पूरी तरह से पराजित कर दूंगा था. आज भी IAC Vikrant का ध्येय वाक्य यही है. यह ऋग्वेद से ली गई ऋचा (मंत्र) का हिस्सा है. जो इंद्र देवता को संबोधित करते हुए कहा गया है कि आपके विनाशकारी हथियार से जो ताकत मुझे मिली है, मैं उससे जीतूंगा.
पुराने विक्रांत का पेनेंट नंबर R11 था, आज भी विक्रांत का नेमसेक R11 है. सबसे बड़ी बात दोनों का नाम 'विक्रांत' है. यानी जिसे कोई युद्ध में हरा न सके. यह शब्द संस्कृत का है. जिसका मतलब होता है बहादुर. इसकी उत्पत्ति भगवद गीता के पहले अध्याय के छठे श्लोक में होती है. जिसमें पांडव के कुछ सेनानायकों की बहादुरी का जिक्र है. INS Vikrant को 36 साल सर्विस देने के बाद 15 वर्षों तक बतौर म्यूजियम मुंबई में तैनात किया गया था. लोग उसकी क्षमताओं को देखते थे. इसके बाद साल 2004 में उसे कबाड़ कर दिया गया.
INS Vikrant से दोगुना बड़ा है स्वदेशी IAC Vikrant
पुराना INS Vikrant का डिस्प्लेसमेंट 16 हजार टन था. यह मात्र 700 फीट लंबा था. इसकी बीम की 128 फीट की थी. जबकि ड्रॉट 24 फीट. जबकि, IAC Vikrant की बात करें तो उसका डिस्प्लेसमेंट 45 हजार टन है. 862 फीट लंबा है. बीम 203 फीट और ड्रॉट 28 फीट है. इसकी ऊंचाई 194 फीट है. INS Vikrant 46 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से चल सकता था. जबकि IAC Vikrant 56 किलोमीटर प्रतिघंटा की गति से समुद्र की चीरता हुआ निकलता है.
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