G20 का हर बैकड्रॉप कुछ कहता है... पहले कोणार्क चक्र, फिर नालंदा और अब साबरमती आश्रम
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दुनिया के तमाम दिग्गज नेता अहिंसा के पुजारी महात्मा गांधी को नमन करने राजघाट पहुंचे तो प्रधानमंत्री मोदी ने खादी का अंगवस्त्रम पहनाकर सभी का स्वागत किया. पीएम मोदी राजघाट पर जिस जगह खड़े होकर विदेशी मेहमानों का अभिवादन कर रहे थे, उसके पीछे साबरमती आश्रम का मॉडल बना दिखाई दे रहा था.
भारत मंडपम... दुनिया के एक शानदार जी-20 आयोजन का गवाह बना है. जी-20 समिट का आज, 10 सितंबर को दूसरा दिन है और पीएम मोदी कई देशों के राष्ट्राध्यक्षों से बातचीत करेंगे. शिखर सम्मेलन की बैठक से पहले सभी जी20 देशों के नेता राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की समाधि राजघाट पहुंचे, जहां प्रधानमंत्री मोदी ने उनका स्वागत किया.
दुनिया के तमाम दिग्गज नेता अहिंसा के पुजारी महात्मा गांधी को नमन करने राजघाट पहुंचे तो प्रधानमंत्री मोदी ने खादी का अंगवस्त्रम पहनाकर सभी का स्वागत किया. पीएम मोदी राजघाट पर जिस जगह खड़े होकर विदेशी मेहमानों का अभिवादन कर रहे थे, उसके पीछे साबरमती आश्रम का मॉडल बना दिखाई दे रहा था.
प्रधानमंत्री मोदी ने पहले सभी मेहमानों का खादी का अंगवस्त्र पहनाकर स्वागत किया और उसके बाद साबरमती आश्रम के बारे में बताया. बता दें कि महात्मा गांधी ने साबरमती आश्रम की कुटी से भारत को आजाद कराने के लिए अंग्रेजों के खिलाफ आंदोलन की शुरुआत की थी. साबरमती आश्रम उस आदर्श का घर बन गया जिसने भारत को स्वतंत्र बना दिया. साबरमती आश्रम आज प्रेरणा और मार्गदर्शन स्त्रोत के रूप में सेवा करता है.
इससे पहले पीएम मोदी शनिवार को जब जी20 शिखर सम्मेलन में विदेशी नेताओं का स्वागत कर रहे थे तो उनके बैकग्राउंड में ओडिशा के मशहूर कोणार्क मंदिर का सूर्य चक्र बना हुआ था. पीएम मोदी ने मेहमानों को कोणार्क सूर्य मंदिर और चक्र के बारे में भी जानकारी दी थी.
G20: PM मोदी ने कोणार्क चक्र तो राष्ट्रपति मुर्मू ने विदेशी मेहमानों को बताया नालंदा यूनिवर्सिटी का महत्व
वहीं, भारत मंडपम में राष्ट्रपति की ओर से डिनर का आयोजन किया गया. इस दौरान वेलकम स्टेज के बैकग्राउंड में नालंदा विश्वविद्यालय की झलक दिखाई दी. प्रधानमंत्री मोदी G20 के कुछ नेताओं को विश्वविद्यालय का महत्व बताते हुए भी दिखे. वहीं, राष्ट्रपति मुर्मू ने ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक सहित G20 के नेताओं को नालंदा यूनिवर्सिटी के महत्व के बारे में समझाया. बता दें कि नालंदा विश्वविद्यालय प्राचीन भारत की प्रगति को दर्शाता है.
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