DNA ANALYSIS: जब गांंधीजी ने अंग्रेजों को बताई नमक की कीमत, जानिए 390 Km पदयात्रा की पूरी कहानी
Zee News
महात्मा गांधी ने उस समय भारत के 7 लाख गांवों में से हर 10 लोगों से सत्याग्रह में भाग लेकर नमक क़ानून तोड़ने की अपील की थी और इस अपील का लोगों पर काफ़ी गहरा असर हुआ क्योंकि, जब गांधीजी ने 12 मार्च 1930 को साबरमती आश्रम से 390 किलोमीटर की दांडी यात्रा शुरू की, तब इसमें 78 सहयोगी ही उनके साथ थे. लेकिन जब ये यात्रा शुरू हुई तो इसके दृश्यों ने लोगों को भावुक कर दिया और यात्रा के दौरान जनसमूह गांधीजी के साथ जुड़ता चला गया.
नई दिल्ली: आज हम नमक की उस यात्रा के बारे में आपको बताएंगे, जिसने भारत की आज़ादी के लिए सत्याग्रह का सूत्र स्पष्ट किया और ये बताया कि भारतीय संस्कारों में नमक का महत्व ईमानदारी से है, भरोसे से है और हमारे लिए नमक सिर्फ़ स्वाद की चीज़ नहीं है. हमारे लिए ये निभाने की एक परम्परा है और ये एक गुण है. भारत एक ऐसा देश है, जहां कहा जाता है कि मैंने देश का नमक खाया है. सार्वजनिक जीवन में भी लोग एक दूसरे से कहते हैं कि मैंने आपका नमक खाया है. नमक असल में हमें अपने और दूसरों के प्रति ईमानदार रहने की शक्ति देता है और इसी शक्ति ने आज से 91 वर्ष पहले एक बहुत बड़ी क्रांति को जन्म दिया था और आज हम इसी के बारे में आपको बताएंगे.More Related News
Kailash Gahlot: आम आदमी पार्टी को दिल्ली में बड़ा झटका लगा है. अगले साल की शुरुआत में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले पार्टी के प्रमुख जाट नेता और मंत्री कैलाश गहलोत ने इस्तीफा दे दिया है. उन्होंने आप के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल को पत्र लिखकर अपने इस्तीफे की वजह बताई है. जानें कौन हैं कैलाश गहलोत?