DNA ANALYSIS: असम चुनाव में चाय मजदूरों की अहमियत, समझिए क्यों निर्णायक है इनका वोट
Zee News
Assam Elections: असम में अगर सरकार बनानी है तो चाय बागानों के मजदूरों को साथ लेना जरूरी है. वर्ष 2016 के चुनावों में भी चाय बागानों में काम करने वाले मजदूर बीजेपी की जीत का बड़ा कारण बने थे.
नई दिल्ली: दुनिया में पानी के बाद सबसे ज्यादा चाय पी जाती है और भारत वो देश है जो दुनिया की 18 प्रतिशत चायपत्ती की जरूरत को पूरा करता है. देश में इस वक्त चाय के 1 हजार 585 बागान हैं और ये सभी चाय बागान तीन राज्यों पश्चिम बंगाल, असम और तमिलनाडु में हैं. इन तीनों राज्यों में फिलहाल एक और बात कॉमन है और वो ये कि यहां विधान सभा चुनाव चल रहे हैं और इसलिए चाय बागानों के मजदूरों की परेशानी यहां का एक बड़ा मुद्दा है. राहुल गांधी ने वादा किया है कि अगर असम में कांग्रेस की सरकार आती है तो इनकी प्रतिदिन मजदूरी 167 रुपये से बढ़ा कर 365 रुपये कर दी जाएगी. हाल में ऐसी तस्वीरें सामने आई थीं, जिसमें प्रियंका गांधी वाड्रा, असम के एक टी गार्डन में मजदूरों के साथ चायपत्ती तोड़ती हुई नजर आईं.More Related News