DNA ANALYSIS: अंग्रेजों ने किस तरह भारत को बनाया अपना वैचारिक गुलाम
Zee News
1836 में Macualay ने अपने पिता को एक चिट्ठी लिखी जिसमें उसने लिखा कि हमारे स्कूल तेजी से आगे बढ़ रहे हैं. इन स्कूलों में पढ़ने वाला कोई भी हिंदू अपनी संस्कृति से जुड़ा नहीं रहेगा और अगर सब ठीक चलता रहा तो अगले 30 वर्षों में अंग्रेजी में पढ़ने वाला एक भी हिंदू ऐसा नहीं होगा जो मूर्ति पूजा पर विश्वास करे, या अपने धर्म को सही माने.
नई दिल्ली: 75 साल पहले भारत को अंग्रेजों से आजादी मिली थी, लेकिन ये आजादी हासिल करना आसान नहीं था क्योंकि 15 अगस्त 1947 का दिन आने से पहले अंग्रेजों ने भारत पर 190 वर्षों तक शासन किया था. मुट्ठी भर अंग्रेज इतने बड़ी और हजारों वर्ष पुरानी सभ्यता को गुलाम इसलिए बना पाए थे क्योंकि उन्होंने भारत आते ही सबसे पहले यहां कि शिक्षा व्यवस्था को बदल डाला था. साल 1931 में जब महात्मा गांधी गोल मेज सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए लंदन गए तो उन्होंने वहां भाषण देते हुए कहा कि अंग्रेजों ने भारत में शिक्षा के सुंदर पेड़ को काट डाला है. उन्होंने ये भी कहा कि अंग्रेजों के आने से पहले भारत में शिक्षित लोगों की संख्या कहीं ज्यादा थी. एक अंग्रेज सांसद ने इसका जबरदस्त विरोध किया और कहा कि भारत के लोगों को आज जितना भी पढ़ना लिखना आता है वो सब अंग्रेजों की वजह से है. इसके बाद गांधी जी ने कहा कि वो अपनी बात को साबित कर सकते हैं, लेकिन समय की कमी की वजह से गांधी अपनी बात नहीं कह पाए. लेकिन महात्मा गांधी की बात बिल्कुल सही थी.More Related News